Saturday, June 28, 2025

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यूएनएससी में भारत का पाकिस्तान को करारा जवाब: बच्चों पर अत्याचार के मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहा है पाकिस्तान

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक में भारत ने पाकिस्तान की तीखी आलोचना करते हुए उसे “घोर पाखंडी” करार दिया और कहा कि वह बच्चों के खिलाफ अपने देश में हो रहे अत्याचारों से अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहा है।

भारत के स्थायी प्रतिनिधि और राजदूत पार्वथानेनी हरीश ने संयुक्त राष्ट्र में बच्चों और सशस्त्र संघर्ष (CAAC) पर आयोजित वार्षिक खुली बहस के दौरान पाकिस्तान के बयानों को खारिज करते हुए कहा, पाकिस्तान यूएन प्रक्रियाओं पर बेबुनियाद आरोप लगाकर बच्चों के अधिकारों के गंभीर उल्लंघनों से ध्यान भटका रहा है।”

उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पाकिस्तान, जो खुद CAAC एजेंडे का गंभीर उल्लंघनकर्ता है, का संयुक्त राष्ट्र में मानवाधिकारों और बच्चों की सुरक्षा पर उपदेश देना सरासर पाखंड है।

आतंक और अत्याचार के आरोप

राजदूत हरीश ने कहा कि पाकिस्तान विभिन्न मंचों पर भारत को बदनाम करने का प्रयास करता है, ताकि वह अपने ही देश में बच्चों पर हो रहे अत्याचारों को दबा सके। उन्होंने कहा कि भारत न सिर्फ इस दुष्प्रचार को नकारता है, बल्कि सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद को भी दृढ़ता से खारिज करता है।

यूएन रिपोर्ट में चिंताजनक आंकड़े

राजदूत ने कहा कि यूएन महासचिव की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2024 में बच्चों के खिलाफ गंभीर उल्लंघनों में 25 प्रतिशत की वृद्धि, और यौन हिंसा के मामलों में 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। उन्होंने इस स्थिति को “गंभीर और निर्णायक कार्रवाई की मांग करने वाली” बताया।

बच्चों की सुरक्षा के लिए भारत का दृष्टिकोण

राजदूत हरीश ने कहा, बच्चों के समग्र विकास के लिए एक सुरक्षित, पोषणयुक्त और शिक्षा-सक्षम वातावरण का निर्माण आवश्यक है। संघर्ष या युद्ध के बाद की परिस्थितियों में बच्चों के पुनर्वास के लिए मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक समर्थन देना अत्यंत आवश्यक है।”

उन्होंने जोर दिया कि सरकारों को बाल सुरक्षा के लिए निरंतर नीतिगत प्रयास करने होंगे और इस दिशा में अंतरराष्ट्रीय सहयोग की भी महत्त्वपूर्ण भूमिका है।

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