सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी मेटा (पूर्व में फेसबुक) ने नफरत फैलाने वाले भाषणों पर रोक लगाने वाले नियमों में ढील देने का फैसला किया है। मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने नियमों में ढील देने की वजह हालिया चुनाव को बताया, जिसमें डोनाल्ड ट्रंप ने जीत हासिल की है। मेटा के इस कदम को एलन मस्क के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के नक्शे-कदम पर चलना माना जा रहा है। नियमों के ढील के बाद अब मेटा यूजर्स भी लिंग पहचान, यौन अभिविन्यास (सेक्सुअल ओरिएंटेशन) और आव्रजन जैसे मुद्दों पर खुलकर टिप्पणियां कर सकेंगे। हालांकि मेटा के इस कदम को लेकर मानवाधिकार समूहों ने चिंता जताई है और कहा है कि इस कद से सोशल मीडिया पर नफरती भाषणों की बाढ़ आ जाएगी और इसका सीधा असर समाज पर पड़ेगा।