Tuesday, July 15, 2025

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मानसून सत्र में पेश होगा राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक

देश में खेल प्रशासन को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने घोषणा की कि राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक संसद के आगामी मानसून सत्र में पेश किया जाएगा। यह सत्र 21 जुलाई से शुरू होगा।

मांडविया ने बताया कि इस विधेयक के तहत एक नियामक बोर्ड का गठन प्रस्तावित है, जिसे राष्ट्रीय खेल महासंघों (NSFs) को मान्यता देने, उन्हें सरकारी फंडिंग उपलब्ध कराने और सुशासन मानकों की निगरानी करने का अधिकार होगा।

उन्होंने कहा, यह विधेयक देश के खेल ढांचे में एक नई पारदर्शिता और नैतिक मानदंड स्थापित करेगा।” इसके तहत आचार संहिता आयोग और विवाद निवारण आयोग की स्थापना का भी प्रस्ताव है।

IOA ने जताई चिंता

हालांकि, भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने विधेयक में प्रस्तावित नियामक ढांचे पर आपत्ति जताई है। IOA का तर्क है कि इससे उनकी भूमिका एक शीर्ष संस्था के रूप में कमजोर हो सकती है।

 

पाकिस्तान के खिलाड़ियों को नहीं रोका जाएगा

खेल मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत में होने वाले अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में पाकिस्तान की भागीदारी पर कोई रोक नहीं है।
उन्होंने कहा, चाहे वह क्रिकेट हो, हॉकी या अन्य खेल, हमें बहुपक्षीय आयोजनों में पाकिस्तान की भागीदारी से कोई आपत्ति नहीं है।”

हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाक संबंधों में तनाव गहरा गया है, लेकिन मांडविया ने कहा कि एशिया कप हॉकी टूर्नामेंट (बिहार), जूनियर वर्ल्ड कप (तमिलनाडु और दिल्ली) जैसे आगामी अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में पाकिस्तान को वीज़ा देने में भारत की ओर से कोई अड़चन नहीं होगी।
अब यह पाकिस्तान सरकार पर निर्भर है कि वह टीमें भेजती है या नहीं,” उन्होंने कहा।

मुख्य बातें

  • राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक मानसून सत्र में पेश होगा
  • नियामक बोर्ड, आचार संहिता आयोग और विवाद निवारण आयोग प्रस्तावित
  • सुशासन और जवाबदेही सुनिश्चित करने की होगी पहल
  • IOA को है विधेयक के कुछ प्रावधानों से आपत्ति
  • भारत में अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में पाकिस्तान की भागीदारी पर नहीं लगेगी रोक

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