असम पंचायत चुनाव के दौरान महिलाओं को लेकर की गई टिप्पणी पर सीएम हिमंत बिस्व सरमा घिर गए हैं। रविवार को असम कांग्रेस की महिला शाखा ने मुख्यमंत्री के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का एलान किया। उन्होंने कहा कि जब तक सरमा माफी नहीं मांग लेते, तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। महिला कांग्रेस ने सरमा की कथित अपमानजनक टिप्पणी की सीबीआई जांच की भी मांग की। सरमा ने कहा था कि असम में कांग्रेस के शासन के दौरान महिलाओं ने सरकारी नौकरी पाने के लिए गलत रास्ता अपनाया।असम प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष मीरा बोरठाकुर गोस्वामी ने कहा कि एक मुख्यमंत्री द्वारा महिलाओं के खिलाफ इस तरह की अपमानजनक टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जा सकती। उन्हें माफी मांगनी चाहिए क्योंकि उन्होंने आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ता से लेकर शीर्ष नौकरशाह तक सरकारी नौकरियों में सभी महिलाओं का अपमान किया है। गोस्वामी ने कहा कि असम इकाई ने राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) को पत्र लिखकर सरमा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इसी तरह की शिकायतें सोमवार को सभी पूर्वोत्तर राज्यों के संबंधित राज्य महिला आयोगों के समक्ष दर्ज कराई जाएंगी। हमें उम्मीद है कि राष्ट्रीय महिला आयोग और राज्य महिला आयोग शिकायत दर्ज करेंगे और मामले को सीबीआई जांच के लिए भेजेंगे।प्रदेश अध्यक्ष गोस्वामी ने कहा कि सीएम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा और सभी पूर्वोत्तर राज्यों में भाजपा नेता के पुतले जलाए जाएंगे। उन्होंने महिलाओं से संबंधित मुद्दों को पार्टी लाइन से ऊपर उठकर उठाने के लिए सभी पूर्वोत्तर राज्यों की कांग्रेस की महिला शाखाओं का एक संयुक्त मंच बनाने की भी घोषणा की। गोस्वामी ने कहा कि सरमा 2001 से लगातार तीन कांग्रेस सरकारों का हिस्सा थे। हमारी मांग है कि सरमा को माफी मांगनी चाहिए। और अगर वह ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो उनके आरोप के पीछे की सच्चाई की केंद्रीय एजेंसी से जांच कराई जानी चाहिए।
गोस्वामी ने कहा कि सरमा ने रिपोर्ट से एक गवाह के बयान का हवाला दिया था। उस गवाह की विश्वसनीयता पर समय के साथ सवाल उठते रहे हैं और उन्होंने दो विशिष्ट महिला अधिकारियों का उल्लेख किया था। लेकिन मुख्यमंत्री ने गवाह के बयान को सामान्य बना दिया है। रिपोर्ट में अन्य खुलासे भी हैं, लेकिन वह उनका उल्लेख करने में चयनात्मक हो रहे हैं।