महाराष्ट्र में सोमवार को स्थानीय निकाय चुनावों के पहले चरण की वोटिंग हो रही है। प्रदेश के 264 स्थानीय निकायों में हो रहे इन चुनावों को लेकर माहौल बेहद गर्म है, क्योंकि इस बार मुकाबला सीधे तौर पर सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन और महाराष्ट्र विकास आघाड़ी (एमवीए) के बीच माना जा रहा है। मतदान को लेकर प्रशासन ने व्यापक तैयारी की है और सुबह से ही कई क्षेत्रों में वोटरों की लाइनें देखी जा रही हैं।
पहले चरण में जिन निकायों में मतदान हो रहा है, उनमें नगर पंचायतों, नगर परिषदों और कुछ नगर निगमों के वार्ड शामिल हैं। राजनीतिक रूप से कई स्थानों को हाई-प्रोफाइल माना जा रहा है, जहां उम्मीदवारों के बीच संघर्ष बेहद कड़ा बताया जा रहा है। महायुति—जिसमें भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और अन्य सहयोगी दल शामिल हैं—इन चुनावों में अपनी सत्ता और प्रभाव को मजबूत करने की कोशिश में है। वहीं एमवीए—जिसमें शिवसेना (उद्धव गुट), कांग्रेस और राकांपा (शरद पवार गुट) शामिल हैं—एकजुट होकर सत्ता पक्ष को चुनौती दे रहा है।
चुनाव विशेषज्ञों का कहना है कि स्थानीय निकायों के ये चुनाव राज्य की राजनीतिक दिशा और भविष्य की संभावित समीकरणों का संकेत भी देंगे। ग्रामीण और शहरी, दोनों ही क्षेत्रों में मतदाताओं का झुकाव किस ओर रहता है, इससे 2025 के बड़े राजनीतिक परिदृश्य पर भी असर पड़ सकता है। कई जिलों में मुद्दों की प्रकृति स्थानीय है, जिनमें जलापूर्ति, विकास कार्य, सड़कें, सफाई व्यवस्था और स्थानीय प्रशासन की पारदर्शिता प्रमुख रूप से शामिल हैं।
मतदान को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष बनाने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई गई है। संवेदनशील और अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। निर्वाचन आयोग की ओर से भी स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि मतदाताओं की सुविधा और सुरक्षा में कोई कमी न आए।
राजनीतिक दलों की नजरें इस चरण के नतीजों पर टिकी हैं, जो आने वाले समय में व्यापक राजनीतिक समीकरणों को निर्णयात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं। मतदान समाप्त होने के बाद मतगणना की तिथियों की घोषणा जल्द ही की जाएगी।





