हैदराबाद। तेलंगाना भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए राज्य के उप परिवहन आयुक्त (डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर) के काले साम्राज्य का भंडाफोड़ किया है। छापेमारी के दौरान अधिकारी के पास से 62 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति, आलीशान फ्लैट, कीमती जमीन के दस्तावेज और भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई है। सरकारी आंकड़ों में यह संपत्ति करोड़ों की है, जबकि बाजार मूल्य (Market Value) के हिसाब से इसकी कीमत सौ करोड़ के पार बताई जा रही है।
छापेमारी में क्या-क्या मिला?
एसीबी की कई टीमों ने एक साथ अधिकारी के आवास, कार्यालय और उनके रिश्तेदारों के ठिकानों पर दबिश दी। घंटों चली इस तलाशी में जो सामने आया, उसने जांच अधिकारियों को भी हैरान कर दिया:
- अचल संपत्ति: हैदराबाद और आसपास के इलाकों में कई लग्जरी फ्लैट, विला और प्राइम लोकेशन पर कमर्शियल प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले हैं।
- नकदी और जेवरात: घर से लाखों रुपये की नकदी और भारी मात्रा में सोने-चांदी के आभूषण बरामद किए गए हैं।
- बेनामी निवेश: जांच में पता चला है कि अधिकारी ने अपने परिवार के सदस्यों और करीबियों के नाम पर कई जगह जमीनों में निवेश कर रखा था।
आय से अधिक संपत्ति का मामला
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को लंबे समय से शिकायत मिल रही थी कि उक्त अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग कर अवैध रूप से धन अर्जित कर रहे हैं।
- गोपनीय जांच: एसीबी ने पहले कई महीनों तक अधिकारी की जीवनशैली और उनके खर्चों पर नजर रखी।
- आय और खर्च का अंतर: जब यह स्पष्ट हो गया कि उनकी संपत्ति उनके ज्ञात आय के स्रोतों (Salary) से कई गुना अधिक है, तब कोर्ट से वारंट लेकर छापेमारी की कार्रवाई शुरू की गई।
- बैंक लॉकर: अभी कई बैंक लॉकरों को खोलना बाकी है, जिससे बरामद संपत्ति का आंकड़ा और बढ़ने की संभावना है।
कैसे बनाया इतना बड़ा साम्राज्य?
जांच एजेंसियों के अनुसार, परिवहन विभाग में महत्वपूर्ण पद पर रहते हुए अधिकारी पर परमिट जारी करने, फिटनेस सर्टिफिकेट और विभागीय ठेकों में कमीशनखोरी के आरोप हैं। भ्रष्टाचार की इस कमाई को रियल एस्टेट और लग्जरी संपत्तियों में निवेश कर सफेद करने की कोशिश की गई थी।
“भ्रष्टाचार के विरुद्ध हमारी जीरो टॉलरेंस की नीति है। यह छापेमारी एक स्पष्ट संदेश है कि पद का दुरुपयोग कर जनता की कमाई लूटने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। हम संपत्ति के हर एक स्रोत की गहराई से जांच कर रहे हैं।” — एसीबी महानिदेशक
आगे की कार्रवाई
पुलिस ने अधिकारी को हिरासत में ले लिया है और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। आने वाले दिनों में उनके करीबियों से भी पूछताछ की जा सकती है ताकि इस पूरे सिंडिकेट का पर्दाफाश हो सके।





