भारत भूमि और विकास परियोजनाओं में सीमापार से पूंजी निवेश के लिए दुनिया के प्रमुख गंतव्यों में शामिल हो गया है। कोलियर्स की एक हालिया रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। कनाडा की यह फर्म वाणिज्यिक अचल संपत्ति उपयोगकर्ताओं, मालिकों, निवेशकों और डेवलपर्स को सेवाएं देती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 की पहली तिमाही तक के 12 महीनों में भारत ने 735 मिलियन अमेरिकी डॉलर का सीमा पार पूंजी निवेश आकर्षित किया। इससे यह इस क्षेत्र में दुनिया के शीर्ष 10 बाजारों में सातवें स्थान पर आ गया। इस कुल निवेश में से 332 मिलियन डॉलर वैश्विक स्रोतों से आया, जबकि शेष राशि क्षेत्रीय पूंजी प्रवाह के जरिए हासिल हुआ। वैश्विक सीमा पार निवेश में भारत की हिस्सेदारी 1.5 फीसदी रही।सीमा पार निवेश पाने वाले शीर्ष 10 में से सात देश एपीएसी क्षेत्र में हैं। यह इस क्षेत्र के बढ़ते वैश्विक आकर्षण का प्रमाण हैं। इस क्षेत्र ने दुनियाभर के कुल सीमापार निवेश का 80 फीसदी हिस्सा हासिल किया। अकेले चीन ने 38.1 अरब डॉलर निवेश हासिल किया। यह कुल वैश्विक हिस्से का 79.7 फीसदी है। चीन के अलावा, सिंगापुर,मलयेशिया और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने भी निवेश गतिविधियों में अच्छी-खासी बढ़ोतरी दर्ज की है।
भारत का वैश्विक शीर्ष 10 में लगातार बने रहना यह दिखाता है कि निवेशकों का भरोसा इसके दीर्घकालिक विकास और भूमि व निर्माण क्षेत्र की संभावनाओं पर बना हुआ है। उत्तर अमेरिका में निवेश गतिविधियों में थोड़ी गिरावट आई, जिससे उसकी एक सुरक्षित निवेश गंतव्य की छवि कमजोर होती दिख रही है। वहीं, यूरोप, मध्य पूर्व और अफ्रीका (ईएमईए) क्षेत्र में निवेश गतिविधियां स्थिर रहीं। अब वैश्विक निवेशकों का ध्यान यूरोप की ओर बढ़ रहा है, लेकिन कई यूरोपीय निवेशक भारत में दिलचस्पी ले रहे हैं।