प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के बीच शुक्रवार को हुई द्विपक्षीय वार्ता के बाद दोनों देशों ने व्यापार, रक्षा, बुनियादी ढांचा, समुद्री सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता जैसे अहम क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति जताई है। यह वार्ता ऐसे समय में हुई है जब मालदीव ने अपनी स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ मनाई, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
मालदीव को मिला भारत का सहयोग का भरोसा
पीएम मोदी ने वार्ता के बाद कहा, “भारत और मालदीव के रिश्ते इतिहास से भी पुराने और समुद्र जितने गहरे हैं। मालदीव की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ पर मैं राष्ट्रपति मुइज्जू और वहां की जनता को हार्दिक बधाई देता हूं।”
भारत और मालदीव ने इस अवसर पर पारंपरिक नौकाओं पर आधारित विशेष डाक टिकट भी जारी किए, जो दोनों देशों के सांस्कृतिक और समुद्री जुड़ाव का प्रतीक हैं।
कई क्षेत्रों में भारत करेगा सहयोग
वार्ता के दौरान भारत ने मालदीव को राष्ट्रीय रक्षा बल के लिए 72 वाहन प्रदान करने की घोषणा की। इसके साथ ही 4000 आवास इकाइयों की परियोजना के तहत शेष 3300 आवास इकाइयों के हस्तांतरण को भी अंतिम रूप दिया गया, जो मालदीव की आवास नीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
राष्ट्रपति मुइज्जू ने भारत के प्रति आभार जताते हुए कहा, “स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत एक प्रमुख भागीदार है। साथ ही पर्यटन क्षेत्र में भारत हमारा प्रमुख स्रोत बाजार बना हुआ है। हमने सीधी उड़ानों सहित आपसी संपर्क को और बढ़ाने पर भी चर्चा की है।”
रणनीतिक दृष्टिकोण से अहम है मालदीव
भारत के तट से लगभग 1516 किलोमीटर दूर स्थित मालदीव हिंद महासागर में भारत के लिए एक अहम सामरिक भागीदार है। इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती मौजूदगी को देखते हुए भारत-मालदीव सहयोग और अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। राष्ट्रपति मुइज्जू के सत्ता में आने से पहले चलाया गया ‘इंडिया आउट’ अभियान दोनों देशों के रिश्तों में तनाव का कारण बना था, लेकिन हालिया मुलाकातों ने आपसी विश्वास को फिर से मजबूत किया है।
60 वर्षों की राजनयिक साझेदारी
भारत और मालदीव इस वर्ष अपने राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ भी मना रहे हैं। दोनों देशों के नेताओं ने इस ऐतिहासिक साझेदारी को आगे और व्यापक बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई।