थाईलैंड में भारत के राजदूत नागेश सिंह ने कहा है कि भारत और थाईलैंड के साझा खतरे हैं। दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग में तेजी आई है और उनके अधिकांश उद्देश्य भी साझा हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने स्टाफ स्तर पर और तीनों सशस्त्र बलों के बीच अधिक संवाद और अभ्यास शुरू किए हैं।नागेश सिंह ने कहा कि बंगाल की खाड़ी में मानव तस्करी और अनियमित मछली पकड़ने के मुद्दे भी हैं। भारतीय राजदूत ने कहा, दोनों देशों में खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान के स्तर पर सहयोग बढ़ा है, लगातार बैठकें हो रही हैं। 10 साल पहले दोनों देशों में सुरक्षा को लेकर ऐसा सहयोग नहीं था, लेकिन अब पता चला है कि दोनों देशों के साझा खतरे हैं और हमारे रणनीतिक हित भी साझा हैं। इसलिए हमने सैन्य स्तर पर बातचीत शुरू की है। तीनों सेनाओं के स्तर पर बैठकें हो रही हैं। भारतीय राजदूत ने कहा, ‘हम सिंगापुर, थाईलैंड के साथ मिलकर बंगाल की खाड़ी में SITMEC जैसे कुछ बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यासों में भी भाग लेते हैं।’ भारत-थाईलैंड के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास मैत्री का 13वां संस्करण 1-15 जुलाई को थाईलैंड के टाक प्रांत में फोर्ट वाचिराप्रकन में आयोजित किया जा रहा है। भारत के थाईलैंड में राजदूत नागेश सिंह ने कहा कि भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को थाईलैंड भेजना कूटनीति के लिहाज से बेहद खास कदम रहा। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा कदम था, जो कूटनीति के इतिहास में सबसे अहम है और इससे थाईलैंड के लोगों में भारत के प्रति अच्छी सोच बनी है। बता दें कि भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष और उनके दो शिष्यों के अवशेष इस साल फरवरी से मार्च के बीच थाईलैंड के चार शहरों में प्रदर्शित किए गए थे, जिन्हें देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी थी। नागेश सिंह ने कहा कि करीब 42 लाख लोग भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों के दर्शन और उनके प्रति अपना सम्मान प्रकट करने आए। उन्होंने कहा कि लोग आज भी इसके लिए उन्हें धन्यवाद देते हैं।





