नई दिल्ली/वॉशिंगटन।
भारत के अडिग और दृढ़ रुख ने एक बार फिर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नाराज कर दिया है। रिपोर्टों के अनुसार, ट्रंप भारत की व्यापार नीतियों और आत्मनिर्भर रुख से खिन्न नज़र आ रहे हैं। उन्होंने बयान दिया है कि भारत अगर अमेरिकी हितों के खिलाफ खड़ा रहेगा तो वह नई दिल्ली पर कड़े टैरिफ लगाने में हिचकिचाएंगे नहीं।
ट्रंप ने यह भी संकेत दिए कि वे यूरोपीय देशों से भी आग्रह कर सकते हैं कि वे भारत पर नए व्यापारिक शुल्क लगाकर दबाव बनाएँ। उनके इस बयान को आगामी अमेरिकी चुनावों से जोड़कर भी देखा जा रहा है, जहां वह एक बार फिर ‘अमेरिका फर्स्ट’ की नीति को सामने रखकर समर्थन जुटाना चाहते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत ने पिछले कुछ वर्षों में व्यापार और रक्षा समेत कई अहम मुद्दों पर आत्मनिर्भरता का रुख अपनाया है, जिसके चलते अमेरिका सहित कई पश्चिमी देशों को अपनी नीतियों में बदलाव करना पड़ा है। ट्रंप का ताजा बयान इस बात का संकेत है कि भारत की सख्त नीति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बनी हुई है।
भारत की ओर से अभी तक ट्रंप के ताजा आरोपों या चेतावनी पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने साफ किया है कि भारत अपनी संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों से जुड़े मुद्दों पर समझौता नहीं करेगा।