भाजपा सरकार द्वारा घुसपैठ रोकने के लिए किये गए प्रयासों की सफलता गिनाते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि बांग्लादेश से असम सीमा पर परिंदा भी पर नहीं मार सकता है।
लखीमपुर में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए शाह ने मोदी सरकार के दौरान पिछले 10 सालों में पूरे पूर्वोत्तर और खासकर असम में किये गए विकास, शांति समझौते और असमिया संस्कृति को सुरक्षित करने के लिए किये गए प्रयासों का ब्यौरा दिया।असम में कांग्रेस के साथ सीधे मुकाबले में अमित शाह ने 14 में से 12 सीटें जीतने का लक्ष्य दिया।
2019 में भाजपा असम में नौ और 2014 में सात सीटें जीती थी। भारी भीड़ को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि जनता के सामने दो विकल्प है। एक है प्रधानमंत्री मोदी और दूसरी तरफ राहुल गांधी का इंडी गठबंधन। लेकिन यह याद रखना चाहिए कि कांग्रेस सरकार के काल में असम को घुसपैठ, उग्रवाद और अशांति का केंद्र बन गया था।
कांग्रेस आज असमिया संस्कृति की रक्षा की बात कर रही है और इससे सावधान रहने की जरूरत है। शाह ने कहा कि 1962 में चीन के आक्रमण के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु के रेडियो संदेश असम को बाई-बाई बोल दिया था।
1962 में असम को भाग्य भरोसे छोड़े जाने की तुलना में 2020 में गलवान में चीन को मुंहतोड़ जवाब दिये जाने से करते हुए उन्होंने मोदी के नेतृत्व में सुरक्षा के इंतजाम इतना दुरुस्त है कि चीन आज भारत की एक इंच जमीन पर भी कब्जा नहीं कर सकता। असम में मोदी सरकार दौरान चलाई गई विकास योजनाओं का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि देश का भाग्य असम के भाग्य से जुड़ा है और देश का विकास तभी होगा, जब असम का विकास होगा।
इसके साथ ही शाह ने कांग्रेस के घोषणापत्र में मुस्लिम पर्सनल ला को स्थापित करने के वायदे का हवाला देते हुए कहा कि इसके विपरीत असम की हिमंत बिस्वा सरमा की सरकार बाल विवाह पर प्रतिबंध लगा दिया है और उत्तराखंड में भाजपा सरकार ने समान नागरिक संहिता को लागू कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के दौरान 500 साल के इंतजार के बाद अयोध्या में भव्य राम मंदिर बना है।