भारत और ओमान ने मंगलवार को नई दिल्ली में भारत-ओमान रणनीतिक सलाहकार समूह (आईओएससीजी) की 13वीं बैठक की। इस दौरान दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा की। बैठक की सह-अध्यक्षता विदेश मंत्रालय (एमईए) के सचिव अरुण कुमार चटर्जी और ओमान के विदेश मंत्रालय में राजनीतिक मामलों के अवर सचिव शेख खलीफा अल्हार्थी ने की।
विदेश मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, बैठक में राजनीतिक और रणनीतिक सहयोग, व्यापार और निवेश, ऊर्जा, समुद्री और रक्षा साझेदारी, डिजिटल सहयोग, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और लोगों से लोगों के संबंधों पर चर्चा हुई। दोनों देशों ने आपसी हित के क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी विचार साझा किए। इस दौरान मस्कट में आईओएससीजी की अगली बैठक एक सुविधाजनक तारीख पर आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की।
ओमान के अवर सचिव शेख खलीफा अल्हार्थी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी शिष्टाचार मुलाकात की। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खलीफा अल्हार्थी के साथ अपनी बैठक के दौरान भारत-ओमान संबंधों की ताकत पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ओमान खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी), अरब लीग और हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (आईओआरए) जैसे क्षेत्रीय संगठनों के भीतर एक महत्वपूर्ण साझेदार है।उन्होंने कहा, हमारे द्विपक्षीय संबंध ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक संबंधों पर आधारित हैं। दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी संपर्क 5,000 साल पुराना है, जबकि राजनयिक संबंध 1955 में शुरू हुआ था। हमारे रणनीतिक, राजनीतिक और आर्थिक जुड़ाव दोनों देशों की बढ़ती साझेदारी को दर्शाता है। उन्होंने कहा, ओमान भारत की पश्चिम एशिया नीति में अपने सबसे पुराने क्षेत्रीय रणनीतिक साझेदार के रूप में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।