Monday, July 28, 2025

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ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त ने पश्चिमी आलोचना को बताया दोहरा मापदंड

ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त विक्रम दोराईस्वामी ने रूस से भारत की तेल खरीद को लेकर पश्चिमी देशों द्वारा की जा रही आलोचना को स्पष्ट रूप से खारिज किया है। उन्होंने कहा कि कोई भी देश अपनी अर्थव्यवस्था को अचानक बंद नहीं कर सकता, और भारत की ऊर्जा ज़रूरतों को देखते हुए तेल खरीद एक व्यावहारिक निर्णय है।

टाइम्स रेडियो को दिए गए एक साक्षात्कार में दोराईस्वामी ने पश्चिमी देशों की आलोचना को “थोड़ा अजीब” बताया, क्योंकि कई यूरोपीय देश भी उन्हीं स्रोतों से ऊर्जा और संसाधन ले रहे हैं, जिनसे भारत को खरीदने पर आपत्ति जताई जाती है।

“क्या आपको नहीं लगता कि यह थोड़ा अजीब है?” — दोराईस्वामी ने कटाक्ष भरे लहजे में कहा।

रूस से रिश्ते सिर्फ तेल तक सीमित नहीं

दोराईस्वामी ने साफ किया कि भारत-रूस संबंध केवल ऊर्जा तक सीमित नहीं हैं

“यह रिश्ता सुरक्षा, रणनीतिक सहयोग और ऐतिहासिक संबंधों पर आधारित है।”

उन्होंने यह भी याद दिलाया कि एक समय ऐसा भी था जब पश्चिमी देश भारत को हथियार बेचने से इनकार करते थे, जबकि हमारे पड़ोसी देशों को वही हथियार दिए जाते थे, जो भारत के खिलाफ इस्तेमाल किए गए।

तेल बाजार से बाहर धकेला गया भारत

दोराईस्वामी ने यह भी कहा कि

“जिन देशों से हम पहले तेल खरीदते थे, अब वे अन्य देशों को बेच रहे हैं और भारत को ऊर्जा बाजार से बाहर कर रहे हैं। ऐसे में हमारे पास विकल्प क्या है?”

उन्होंने यह भी जोड़ा कि कई देश अपने हितों के लिए उन देशों से संबंध बना रहे हैं जो भारत के लिए रणनीतिक चुनौती हैं।

“क्या हम आपसे वफादारी का टेस्ट मांगते हैं?” — दोराईस्वामी ने पलटकर सवाल किया।

यह युद्ध का समय नहीं है” – भारत का स्पष्ट रुख

रूस-यूक्रेन युद्ध पर बोलते हुए दोराईस्वामी ने दोहराया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही यह स्पष्ट कर चुके हैं कि

“यह युद्ध का समय नहीं है।”

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी यह बात रूस और यूक्रेन दोनों के राष्ट्रपतियों से कह चुके हैं। भारत चाहता है कि यह युद्ध और दुनिया भर के सभी संघर्ष जल्द खत्म हों।

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