गाबोरोन (बोत्सवाना)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अपने तीन देशों के अफ्रीका दौरे के दूसरे चरण में मंगलवार को बोत्सवाना पहुंचीं, जहां उनका राजकीय सम्मान के साथ गर्मजोशी से स्वागत किया गया। राजधानी गाबोरोन के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर राष्ट्रपति मुर्मू को 21 तोपों की सलामी दी गई और गार्ड ऑफ ऑनर प्रस्तुत किया गया।
बोत्सवाना की राष्ट्रपति मोकेग्वी मसीसी और प्रथम महिला ने स्वयं एयरपोर्ट पर पहुंचकर राष्ट्रपति मुर्मू का स्वागत किया। इस दौरान दोनों देशों के राष्ट्रगान बजाए गए और भारतीय समुदाय के लोगों ने पारंपरिक नृत्य एवं सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से उनका अभिनंदन किया।
राष्ट्रपति मुर्मू की यह यात्रा भारत और बोत्सवाना के बीच साझेदारी के नए अध्याय के रूप में देखी जा रही है। दोनों देशों के बीच स्वास्थ्य, शिक्षा, डिजिटल प्रौद्योगिकी, कृषि और रक्षा क्षेत्र में सहयोग को और मजबूत करने पर जोर रहेगा।
अपने आगमन के बाद राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि “भारत और बोत्सवाना के संबंध साझा मूल्यों, लोकतंत्र और विकास की समान आकांक्षाओं पर आधारित हैं। यह दौरा हमारी साझेदारी को नई ऊर्जा देने का अवसर है।” उन्होंने कहा कि अफ्रीका भारत की विदेश नीति का अहम केंद्र है, और बोत्सवाना जैसे स्थिर लोकतंत्रों के साथ सहयोग बढ़ाना भारत की प्राथमिकता है।
इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कई समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर होने की संभावना है, जिनमें डिजिटल गवर्नेंस, सौर ऊर्जा, खनन और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र प्रमुख हैं। भारत बोत्सवाना में क्षमता निर्माण, शिक्षा और तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भी सहयोग बढ़ा रहा है।
राष्ट्रपति मुर्मू बोत्सवाना विश्वविद्यालय में भारतीय आईटी और प्रबंधन संस्थानों के साथ साझेदारी पर आधारित एक नए इंडिया-बोत्सवाना नॉलेज एक्सचेंज प्रोग्राम का भी उद्घाटन करेंगी। इसके अलावा वे भारतीय समुदाय के साथ संवाद करेंगी और गांधी हेरिटेज सेंटर का दौरा करेंगी, जो भारत-बोत्सवाना सांस्कृतिक संबंधों का प्रतीक है।
बोत्सवाना की सरकार ने राष्ट्रपति मुर्मू की यात्रा को “दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने वाला अवसर” बताया है। वहीं भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना है कि यह दौरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “वसुधैव कुटुंबकम” की भावना को मूर्त रूप देने की दिशा में एक और कदम है।
राष्ट्रपति मुर्मू की यह यात्रा इसलिए भी विशेष मानी जा रही है क्योंकि यह अफ्रीकी महाद्वीप में भारत की कूटनीतिक और आर्थिक उपस्थिति को सशक्त बनाने के व्यापक प्रयासों का हिस्सा है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस दौरे से न केवल द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि होगी, बल्कि दक्षिणी अफ्रीका में भारत का प्रभाव भी और मजबूत होगा।
बोत्सवाना पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, 21 तोपों की सलामी के साथ हुआ भव्य स्वागत




