भारत और कनाडा के बीच के रिश्ते दिन पर दिन बिगड़ते जा रहे हैं। इसी क्रम में टोरंटो स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने अपने कुछ निर्धारित वाणिज्य दूतावास शिविरों को रद्द कर दिया है। इसके पीछे की वजह कनाडा की ओर से पर्याप्त सुरक्षा न मुहैया कराया जाना बताई गई है। भारतीय दूतावास के मुताबिक, सुरक्षा एजेंसियों ने सामुदायिक शिविर आयोजकों को न्यूनतम सुरक्षा प्रदान करने में अपनी असमर्थता जताई है। इस वजह से हमें अपने कार्यक्रम रद्द करने पड़े हैं।दरअसल, भारत और कनाडा के बीच उस वक्त और तल्खी आ गई, जब प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो सरकार के एक मंत्री ने दावा किया कि कनाडा में सिख अलगाववादियों पर एक्शन का आदेश अमित शाह की ओर से दिया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा के विदेश उप-मंत्री डेविड मॉरिसन ने एक संसदीय पैनल में यह बयान दिया था। हालांकि, बाद में मॉरिसन ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की पूछताछ में स्वीकार किया कि उन्होंने ही बिना किसी सबूत के वाशिंगटन पोस्ट के पत्रकार को शाह के नाम की जानकारी लीक की थी। इस अखबार ने लिखा था कि अमित शाह ने कनाडा में सिख अलगाववादियों को निशाना बनाकर हिंसा, धमकी और खुफिया जानकारी जुटाने का अभियान चलाने का आदेश दिया।
अमित शाह के खिलाफ लगाए गए आरोपों को लेकर भारत ने नाराजगी जताई थी। मामले में सख्त रुख अपनाते हुए भारत ने कनाडाई अधिकारी को तलब किया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था कि हमने कल कनाडाई उच्चायोग के प्रतिनिधि को तलब किया। भारत सरकार कनाडा सरकार में मंत्री डेविड मॉरिसन की ओर से समिति के समक्ष भारत के केंद्रीय गृह मंत्री के बारे में किए गए बेतुके और निराधार आरोपों का सबसे कड़े शब्दों में विरोध करती है।