अमेरिका में इस साल नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव होना है। अमेरिकी चुनाव 2024 भी 2020 की तर्ज पर बाइडन बनाम ट्रंप लड़ा जाएगा, इसकी संभावना काफी अधिक है। देश की जनता जो बाइडन को अपना कीमती वोट देकर लगातार दूसरी बार राष्ट्रपति बनाएगी या फिर इस बार डोनाल्ड ट्रंप को चुनेगी, यह सब कई अहम मुद्दों पर निर्भर करेगा। इस बार के अहम मुद्दों में गर्भपात, सीमा सुरक्षा, गाजा युद्ध और गन कल्चर है। माना जा रहा है कि अमेरिका में पिछली बार हुए मध्यावधि चुनाव की तरह इस बार भी गर्भपात का मुद्दा छाया रहेगा। गुरुवार को बाइडन और ट्रंप के बीच होने वाली बहस में यह मुद्दा प्रमुखता से उठेगा। रिपब्लिकन पर मतदाताओं को अलग-थलग नहीं करने का दबाव होगा। दरअसल, 24 जून 2022 को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात के अधिकार को मिली संवैधानिक सुरक्षा खत्म कर दी थी। अदालत ने 49 साल पुराने रो वी वेड केस में दिए गए फैसले को पलट दिया था। वहीं, कुछ राज्यों ने उसी दिन से गर्भपता पर प्रतिबंध लगा दिया, जिससे क्लीनीकों को जल्दबाजी में बंद करने पर मजबूर होना पड़ा। गर्भपात के अधिकार को गैरसंवैधानिक करार देने के बाद अमेरिकी महिलाएं रिपब्ल्किन पार्टी से नाराज चल रही हैं। यही वजह है कि डेमोक्रेट इसका फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, रिपब्ल्किन इससे बचने की कोशिश कर रहे हैं। पिछले चुनाव में गर्भपात का मुद्दा टॉप-10 में भी नहीं था मगर इस बार ये सबसे पहले नंबर पर है। पहले से ही राजनीतिक रूप से प्रभावित देश अब दो भागों में बंट गया है। एक तो वे राज्य जिन्होंने गर्भपात पर प्रतिबंध लगा दिया है या इस तक पहुंच को काफी सीमित कर दिया है। दूसरे वे राज्य, जिन्होंने गर्भपात कराने के महिला के अधिकार के लिए नए संरक्षण उपाय अपनाए हैं। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से पूरे देश में राजनीतिक हलचल मच गई तथा इसके दुष्परिणाम भी हुए। इस निर्णय के बाद से कंजर्वेटिव गर्भपात तक पहुंच के मुद्दे पर लगभग हर जनमत संग्रह या मतदान हार चुका है। इनमें से कुछ हार उन राज्यों में हुई जो हाल ही में पूरी तरह दक्षिणपंथी हो गए हैं, जैसे कि ओहियो, अलबामा और कंसास।