संसदीय समिति की बैठक में शुक्रवार को पाकिस्तान और चीन के साथ बांग्लादेश की बढ़ती निकटता और भारत के अपने पूर्वी पड़ोसी के साथ तनावपूर्ण संबंधों पर चर्चा की गई। इस बैठक में कुछ विशेषज्ञों ने बांग्लादेश के साथ संबंधों को बेहतर बनाने के सुझाव दिए।
विदेश मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने कहा कि पूर्व विदेश सचिव शिवशंकर मेनन, लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन, बांग्लादेश में भारत की पूर्व उच्चायुक्त रीवा गांगुली दास और जाने-माने शिक्षाविद् अमिताभ मट्टू विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित हुए।
उन्होंने हमें बहुत अच्छे सुझाव दिए। बांग्लादेश से घुसपैठ के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में थरूर ने कहा कि समिति के सामने जो आंकड़ा आया है, उससे पता चलता है कि घुसपैठियों की संख्या में कमी आई है।
एक सांसद ने कहा कि कुछ सदस्यों ने पिछले साल शेख हसीना के अपदस्थ होने के बाद मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के तहत बांग्लादेश के साथ संबंधों में तनाव पर चिंता जताई।
एक विशेषज्ञ ने कहा कि बांग्लादेश में युवाओं के कट्टरपंथी होने के बावजूद इसकी सेना पाकिस्तान की तरह चरमपंथी नहीं है। सूत्रों ने बताया कि समिति के कुछ सदस्यों के लिए यह भी मुद्दा था कि भारत के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस देश में चीन पैर जमा रहा है। इसके अलावा पाकिस्तान भी बांग्लादेश के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने का प्रयास कर रहा है।
एक सांसद ने कहा कि कुछ सदस्यों ने पिछले साल शेख हसीना के अपदस्थ होने के बाद मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के तहत बांग्लादेश के साथ संबंधों में तनाव पर चिंता जताई।
एक विशेषज्ञ ने कहा कि बांग्लादेश में युवाओं के कट्टरपंथी होने के बावजूद इसकी सेना पाकिस्तान की तरह चरमपंथी नहीं है। सूत्रों ने बताया कि समिति के कुछ सदस्यों के लिए यह भी मुद्दा था कि भारत के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस देश में चीन पैर जमा रहा है। इसके अलावा पाकिस्तान भी बांग्लादेश के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने का प्रयास कर रहा है।