इस्राइल और हमास के बीच युद्धविराम समझौता होने के बाद अब इस्राइली सरकार बंधकों की वापसी की तैयारी कर रही है। हालांकि इस्राइल की सरकार को आशंका है कि बंधकों की वापसी उतनी सुखद नहीं रहेगी, जितनी पिछली बार रही थी। आशंका है कि लंबे समय से बंधक होने की वजह से उनमें से कई बंधक गंभीर बीमारी से जूझ रहे होंगे और उन्हें सामान्य होने में लंबा वक्त लग सकता है। इस्राइल को ये भी आशंका है कि बंधकों में से एक तिहाई की मौत हो चुकी है। इस्राइल की सरकार का स्वास्थ्य मंत्रालय और बंधकों के परिवारों का प्रतिनिधित्व करने वाला मंच पूर्व में रिहा किए गए बंधकों से बातचीत के आधार पर जानकारी जुटा रहे हैं, ताकि बंधकों के हालात को समझा जा सके। हमास के आतंकवादियों ने 7 अक्तूबर 2023 को इस्राइल की सीमा में घुसकर हमला किया था, जिसमें 1200 लोग मारे गए थे और 250 के करीब लोगों का अपहरण कर लिया गया था। अपहत लोगों में से कई को पूर्व में रिहा किया जा चुका है, लेकिन अभी भी 100 के करीब बंधक हमास के कब्जे में हैं। हालांकि इनमें से भी एक तिहाई की मौत की आशंका है।बंधकों के परिजनों के फोरम की स्वास्थ्य टीम का नेतृत्व करने वाले हागई लेविन ने कहा कि उन्हें लगता है कि सुरंगों में वेंटिलेशन की कमी के कारण बंधकों को दिल और सांस संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इनके अलावा बंधकों में विटामिन की कमी, पोषण की कमी, वजन काफी कम होना, सूरज की रोशनी की कमी के कारण नजर संबंधी समस्याएं, हड्डियों की दिक्कत और मानसिक आघात जैसी समस्याएं होने की आशंका है। यही वजह है कि बंधकों को वापस लौटने के बाद भी लंबे समय तक अस्पतालों में भर्ती रखा जा सकता है। डॉक्टर्स इस बात को लेकर चिंतित हैं कि कई बंधकों को वापसी के बाद भी स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है और कुछ की जान भी जा सकती है। दरअसल डॉक्टर्स को डर है कि कुछ बंधक रीफीडिंग सिंड्रोम की चपेट में आ सकते हैं, जिसमें कुछ खाद्य पदार्थ या एकदम से बहुत खाना उनकी सेहत के लिए जानलेवा साबित हो सकता है और इसके चलते कुछ की मौत भी हो सकती है। ऐसे में डॉक्टर्स बंधकों को लेकर बेहद सावधानी बरत रहे हैं।