पेरिस। फ्रांस की राजनीति में सोमवार को बड़ा उलटफेर देखने को मिला। प्रधानमंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नु (Sébastien Lecornu) ने पदभार संभालने के एक महीने से भी कम समय में ही अपना त्यागपत्र दे दिया। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और फिलहाल नए प्रधानमंत्री की नियुक्ति तक कार्यवाहक व्यवस्था लागू की गई है।
लेकोर्नु ने जुलाई के अंत में प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। उन्हें राष्ट्रपति मैक्रों के विश्वसनीय सहयोगियों में गिना जाता है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री गैब्रिएल अटाल के इस्तीफे के बाद यह जिम्मेदारी संभाली थी। हालांकि, अब उन्होंने व्यक्तिगत कारणों और सरकार के भीतर नीतिगत मतभेदों के चलते पद छोड़ने की बात कही है।
फ्रांसीसी राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि, “राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने प्रधानमंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नु का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और उनके योगदान के लिए धन्यवाद दिया है।” फिलहाल देश के राजनीतिक हालात को देखते हुए नई सरकार के गठन पर विचार-विमर्श शुरू हो गया है।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, लेकोर्नु का अचानक इस्तीफा राष्ट्रपति मैक्रों के लिए एक बड़ा झटका है। हाल के दिनों में फ्रांस में आर्थिक सुधारों, रक्षा नीतियों और सामाजिक असमानता के मुद्दों को लेकर सरकार पर विपक्ष का दबाव बढ़ा था।
लेकोर्नु, जो इससे पहले रक्षा मंत्री रह चुके हैं, ने प्रधानमंत्री बनने के बाद से कई अहम निर्णय लेने की कोशिश की थी, लेकिन पार्टी के अंदरूनी मतभेद और जनता के बीच बढ़ती असंतुष्टि ने उनके लिए हालात मुश्किल बना दिए।
विपक्षी दलों ने कहा है कि लगातार हो रहे नेतृत्व परिवर्तन से सरकार की स्थिरता पर सवाल उठ रहे हैं। वहीं, राष्ट्रपति कार्यालय का कहना है कि देश में प्रशासनिक निरंतरता बनी रहेगी और बहुत जल्द नए प्रधानमंत्री का नाम घोषित किया जाएगा।
गौरतलब है कि फ्रांस में पिछले दो वर्षों में यह तीसरा प्रधानमंत्री परिवर्तन है, जिससे राजनीतिक अस्थिरता की स्थिति गहराती दिख रही है। अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि राष्ट्रपति मैक्रों किस नए नेता को जिम्मेदारी सौंपते हैं, जो वर्तमान चुनौतियों से देश को बाहर निकाल सके।





