Wednesday, February 5, 2025

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प्रदूषण के कारण धूम्रपान नहीं करने वालों में भी हो रहा लंग कैंसर

लंग (फेफड़ा) कैंसर के लिए धूम्रपान को जिम्मेदार माना जाता है, लेकिन आजकल उन लोगों में भी लंग कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं, जिन्होंने कभी भी धूम्रपान नहीं किया। इसकी बड़ी वजह वायु प्रदूषण को माना जा रहा है। द लैंसेट रेस्पिरेटरी मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, लंग कैंसर अब धूम्रपान नहीं करने वाले लोगों में भी तेजी से बढ़ रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की अंतरराष्ट्रीय कैंसर अनुसंधान एजेंसी (आईएआरसी) के वैज्ञानिकों ने विश्व कैंसर दिवस (4 फरवरी) पर चार उप प्रकारों एडेनोकार्सिनोमा (ग्रंथि कैंसर), स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (त्वचा कैंसर), छोटे और बड़े सेल कार्सिनोमा के लिए राष्ट्रीय स्तर पर लंग कैंसर के मामलों का अनुमान लगाने के लिए ग्लोबल कैंसर ऑब्जर्वेटरी 2022 डेटासेट सहित अन्य डेटा का विश्लेषण किया। शोधकर्ताओं ने पाया कि एडेनोकार्सिनोमा (ऐसा कैंसर जो बलगम और पाचन में मदद करने वाले तरल पदार्थ उत्पन्न करने वाली ग्रंथियों में शुरू होता है) पुरुषों और महिलाओं दोनों में प्रमुख उप प्रकार बन गया है। शोध में यह भी सामने आया कि 2022 में दुनियाभर में लंग कैंसर के कुल मामलों में 53-70 प्रतिशत मामले उन लोगों में पाए गए, जिन्होंने कभी धूम्रपान नहीं किया।

आईएआरसी में कैंसर निगरानी शाखा के प्रमुख फ्रेडी ब्रे ने कहा, धूम्रपान की आदतों में बदलाव और वायु प्रदूषण के संपर्क में आना लंग कैंसर के मुख्य निर्धारकों में से हैं। लंग कैंसर आज कैंसर से संबंधित मौतों के प्रमुख कारणों में से एक है।

साल 2022 में दुनियाभर में महिलाओं में लंग कैंसर के 9.08 लाख नए मामले थे, जिनमें से 5,41,971 (59.7%) एडेनोकार्सिनोमा थे। इसका जोखिम अब और भी बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। साल 2022 में लंग कैंसर से पीड़ित महिलाओं में से 80,378 मामलों का सीधा संबंध वायु प्रदूषण से पाया गया।

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