कांग्रेस ने सोमवार को केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के उस कथित दावे को सरासर झूठ बताया, जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार ने विदेश जाने वाले सर्वदलीय राजनयिक प्रतिनिधिमंडलों के लिए नाम नहीं मांगे। कांग्रेस ने कहा कि विपक्षी पार्टी से चुने गए नामों को मंजूरी न देना ‘सस्ती राजनीति’ है। दूसरी तरफ, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी पार्टी ने सर्वदलीय राजनयिक मिशन का बहिष्कार नहीं किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि टीएमसी किसी भी तरह के एकतरफा फैसले को स्वीकार नहीं करेगी।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जिस प्रधानमंत्री ने ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, कतर, दक्षिण कोरिया और चीन जैसे देशों में कांग्रेस को सार्वजनिक रूप से गाली दी थी, आज वे इन प्रतिनिधिमंडलों में विपक्षी पार्टी की मदद ले रहे हैं। रमेश ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने फोन क्यों नहीं उठाया और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से बात क्यों नहीं की? ऐसा करने का शिष्टाचार क्यों नहीं दिखाया? सच्चाई यह है कि देश में ध्रुवीकरण की राजनीति के कारण हमारी कहानी पंक्चर हो चुकी है और पंक्चर होती जा रही है।’
कांग्रेस ने शनिवार को कहा था कि सरकार ने उनसे पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद पर भारत का रुख स्पष्ट करने के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के लिए चार नेताओं का नाम देने को कहा। कांग्रेस ने आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, सैयद नसीर हुसैन और अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग को नामित किया। लेकिन इन चारों में से केवल शर्मा को ही विभिन्न देशों का दौरा करने वाले सात प्रतिनिधिमंडलों में शामिल किया गया है।
इस बीच, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विदेश मामलों के मुद्दों पर केंद्र सरकार के कार्यों और विचारों का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का मुकाबला करने के उद्देश्य से सर्वदलीय राजनयिक मिशन का बहिष्कार नहीं किया है। हालांकि, सीएम ममता ने यह भी स्पष्ट किया कि टीएमसी किसी भी तरह के एकतरफा फैसले को स्वीकार नहीं करेगी।
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की सूची में टीएमसी सांसद यूसुफ पठान के नाम पर सीएम ममता ने कहा कि केंद्र नाम तय नहीं कर सकता। यदि वे मूल पार्टी से अनुरोध करते हैं, तो पार्टी नाम तय करेगी। यह एक प्रथा और प्रणाली है। उन्होंने कहा कि हम विदेश मामलों की नीति के संबंध में केंद्र सरकार के साथ हैं और हम उनका पूरा समर्थन कर रहे हैं। बनर्जी ने जोर देकर कहा कि यदि सरकार उनसे संपर्क करती तो पार्टी सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के लिए अपना प्रतिनिधि भेजती। ममता ने कहा कि हमारे पास कोई अनुरोध नहीं आया। अगर कोई अनुरोध आता तो हम विचार कर सकते थे। हम देश के पक्ष में हैं।