नई दिल्ली। भारत ने पूर्वोत्तर में अपनी सैन्य उपस्थिति को और मजबूत करते हुए बांग्लादेश सीमा से करीब 40 किलोमीटर दूर एक नया सैन्य स्टेशन (Military Station) स्थापित किया है। यह रणनीतिक कदम न केवल सीमा सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण है, बल्कि क्षेत्र में खुफिया तंत्र और निगरानी क्षमताओं को भी नया बल देगा। रक्षा सूत्रों के अनुसार, यह स्टेशन भारतीय सेना की पूर्वी कमान (Eastern Command) के तहत संचालित होगा और इसका उद्देश्य सीमावर्ती इलाकों में उभर रही सुरक्षा चुनौतियों का तेजी से सामना करना है।
रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान पर स्थापित
नया स्टेशन त्रिपुरा और मिजोरम के बीचवर्ती इलाके में, बांग्लादेश की सीमा से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर बनाया गया है। यह क्षेत्र घने जंगलों, पहाड़ी इलाकों और कठिन भूगोल के कारण लंबे समय से सुरक्षा दृष्टि से चुनौतीपूर्ण रहा है। सैन्य सूत्रों का कहना है कि इस स्टेशन के बनने से न केवल सीमा पार से होने वाली घुसपैठ और अवैध तस्करी पर रोक लगेगी, बल्कि इंटेलिजेंस नेटवर्क को भी मजबूत आधार मिलेगा।
पूर्वोत्तर में सुरक्षा ढांचे को नई मजबूती
रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में भारत ने पूर्वोत्तर के सीमावर्ती इलाकों में सड़क, संचार और लॉजिस्टिक सुविधाओं का तेजी से विस्तार किया है। नए सैन्य स्टेशन की स्थापना इसी रणनीति का हिस्सा है। इससे सैनिकों की तैनाती, गश्त और आपूर्ति व्यवस्था में सुधार होगा।
बांग्लादेश सीमा पर बढ़ी निगरानी
नए स्टेशन के सक्रिय होने के बाद सीमा सुरक्षा बल (BSF) और भारतीय सेना के बीच समन्वय और बेहतर होगा। बांग्लादेश सीमा पर अब ड्रोन सर्विलांस, नाइट-विजन उपकरण और थर्मल इमेजिंग कैमरे की मदद से चौबीसों घंटे निगरानी रखी जा सकेगी। खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक, इस इलाके में कुछ समय से तस्करी और अवैध घुसपैठ की घटनाओं में वृद्धि देखी गई थी, जिन्हें रोकना अब आसान होगा।
स्थानीय स्तर पर विकास को भी मिलेगा बल
सैन्य स्टेशन की स्थापना से क्षेत्र में स्थानीय रोजगार, सड़क निर्माण और व्यापारिक गतिविधियों को भी गति मिलेगी। सेना के अधिकारियों ने कहा कि यह पहल न केवल सुरक्षा बल्कि सामाजिक-आर्थिक विकास की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।
रक्षा विश्लेषकों ने बताया ‘रणनीतिक मास्टरस्ट्रोक’
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि पूर्वोत्तर भारत भौगोलिक दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र है, जो चीन, म्यांमार और बांग्लादेश की सीमाओं से सटा है। ऐसे में यह नया सैन्य स्टेशन भारतीय रक्षा तंत्र के लिए “रणनीतिक मास्टरस्ट्रोक” साबित होगा। इससे सीमावर्ती इलाकों में सेना की रिएक्शन टाइम (Response Time) कम होगी और किसी भी आकस्मिक स्थिति से तुरंत निपटा जा सकेगा।
स्थानीय प्रशासन ने किया स्वागत
त्रिपुरा और मिजोरम के स्थानीय प्रशासन ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि इससे सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनी रहेगी। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, आने वाले महीनों में यहां नए संचार टॉवर, मेडिकल कैंप और स्कूलों की सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी।





