Sunday, July 6, 2025

Top 5 This Week

Related Posts

पूर्व पीएम थकसिन शिनावात्रा को मिली बेल

थाईलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनावात्रा को 2015 के एक साक्षात्कार के दौरान की गई टिप्पणियों से जुड़े मामले में अभियोग चलाने के बाद 500,000 बाहत की जमानत पर रिहा कर दिया गया है। दरअसल आज केस चलाने के लिए मौजूद होने पर उन्हें जमानत मिली है। उनकी रिहाई की शर्तों में उनका पासपोर्ट सरेंडर करना और अदालत की अनुमति के बिना थाईलैंड छोड़ने पर प्रतिबंध शामिल है। जमानत देने का निर्णय इस आश्वासन के तहत किया गया था कि थाकसिन भागेंगे नहीं, सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे, हानिकारक कृत्यों में शामिल नहीं होंगे या न्यायिक कार्यवाही में बाधा नहीं डालेंगे। पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनावात्रा पर थाईलैंड की राजशाही को बदनाम करने के आरोप में मंगलवार को औपचारिक रूप से केस दर्ज कराया गया है। जो देश की राजनीति को अस्थिर करने वाले कई अदालती मामलों में से एक है। अटॉर्नी जनरल कार्यालय के प्रवक्ता प्रयुथ बेजरागुना ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि थकसिन ने सुबह नौ बजे से कुछ मिनट पहले अभियोजकों के समक्ष अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और अभियोग प्रक्रिया पूरी की गई। माना जा रहा है कि थकसिन एक कार में सवार होकर बैंकॉक के अपराध न्यायालय पहुंचे। हालांकि, थकसिन शिनावात्रा ने इस दौरान संवाददाताओं से नहीं मिले और ये भी स्पष्ट नहीं है कि वो न्यायालय गए थे या पास के अभियोजक कार्यालय में गए। उनके वकील विन्यात चैतमोंत्री ने संवाददाताओं को बताया कि थकसिन न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं और उन्होंने जमानत पर रिहाई के लिए अर्जी भी तैयार कर ली है। थाईलैंड में राजतंत्र को बदनाम करने के लिए बनाए गए कानून के तहत किसी भी शख्स को तीन से 15 साल तक की जेल की सजा हो सकती है। इस कानून को ‘लेसे मैजेस्टे’ के नाम से जाना जाता है और ये दुनिया के इस तरह के सबसे कठोर कानूनों में से एक है। फिलहाल थाईलैंड में सरकार के आलोचकों को सजा देने के लिए इस कानून का इस्तेमाल काफी बढ़ रहा है।

 

 

Popular Articles