नैनीताल/देहरादून। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने प्रदेश के युवाओं के हक में एक बड़ा फैसला सुनाते हुए पुलिस भर्ती प्रक्रिया पर लगी रोक को हटा दिया है। न्यायालय के इस आदेश के बाद अब प्रदेश में 2000 से अधिक पुलिस आरक्षियों (कॉन्स्टेबल) की नियुक्ति की प्रक्रिया पुनः गति पकड़ेगी। लंबे समय से अटकी इस भर्ती के शुरू होने से सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों में खुशी की लहर दौड़ गई है।
क्या था विवाद और कोर्ट का फैसला?
पुलिस भर्ती की नियमावली और कुछ तकनीकी बिंदुओं को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसके चलते नियुक्तियों पर अंतरिम रोक लगा दी गई थी।
- न्यायालय का रुख: मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि जनहित और पुलिस बल की कमी को देखते हुए भर्ती प्रक्रिया को अधिक समय तक रोकना उचित नहीं है।
- रोक हटने का असर: कोर्ट ने राज्य सरकार और उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) को नियमानुसार भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की अनुमति दे दी है।
भर्ती प्रक्रिया में अब क्या होगा?
2000 पदों पर होने वाली इस भर्ती के लिए अब विभाग और आयोग निम्नलिखित कदम उठाएंगे:
- परिणाम और चयन सूची: जिन पदों के लिए परीक्षा हो चुकी है, उनके परिणाम और चयन सूची जल्द जारी की जाएगी।
- शारीरिक दक्षता परीक्षा: रुके हुए फिजिकल टेस्ट और मेडिकल परीक्षण की तिथियां जल्द घोषित होने की उम्मीद है।
- प्रशिक्षण की तैयारी: चयन प्रक्रिया पूरी होते ही नवनियुक्त पुलिस कर्मियों को ट्रेनिंग सेंटर भेजने की तैयारी शुरू कर दी जाएगी।
पुलिस बल की कमी होगी दूर
वर्तमान में उत्तराखंड पुलिस में जवानों की भारी कमी चल रही है, जिससे मौजूदा कर्मियों पर कार्य का दबाव बढ़ रहा है।
- सुरक्षा व्यवस्था: 2000 नए जवानों के आने से चारधाम यात्रा, कानून व्यवस्था और पर्यटन सीजन के दौरान भीड़ नियंत्रण में बड़ी मदद मिलेगी।
- पदोन्नति के अवसर: नई भर्ती का रास्ता साफ होने से महकमे में पदोन्नति की प्रक्रिया भी सुचारू होने की संभावना है।
सरकार का पक्ष
मुख्यमंत्री और गृह विभाग ने कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है। शासन की ओर से कहा गया है कि सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रतिबद्ध है और पारदर्शी तरीके से भर्ती प्रक्रिया को समयबद्ध सीमा के भीतर पूरा किया जाएगा।





