पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने सेना द्वारा की गई हालिया टिप्पणियों की तीखी आलोचना करते हुए कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताना पूरी तरह अनुचित और आधारहीन है। पार्टी ने जारी बयान में कहा कि सेना की ओर से दिए गए ऐसे बयान न केवल राजनीतिक वातावरण को प्रभावित करते हैं, बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर भी प्रतिकूल असर डालते हैं। पीटीआई का कहना है कि इमरान खान हमेशा से देश की स्थिरता और जनता की भागीदारी को मजबूत करने की बात करते रहे हैं, इसलिए उन्हें खतरे के रूप में प्रस्तुत करना राजनीतिक रूप से प्रेरित प्रतीत होता है।
पीटीआई नेतृत्व ने आरोप लगाया कि वर्तमान परिस्थितियों में सेना की इस तरह की टिप्पणी से जनता के बीच गलत संदेश जाता है। पार्टी का दावा है कि इमरान खान ने अपने कार्यकाल और उसके बाद भी राष्ट्रीय हित, भ्रष्टाचार विरोधी प्रयासों और जनसंवाद को प्राथमिकता दी है। उनका कहना है कि सेना जैसे संस्थान को किसी भी व्यक्ति या राजनीतिक दल के बारे में ऐसा बयान देने से पहले ठोस तथ्यों और संवैधानिक मर्यादाओं का ध्यान रखना चाहिए।
बयान में यह भी कहा गया कि ऐसी टिप्पणियाँ राजनीतिक हस्तक्षेप की भावना पैदा करती हैं, जिससे लोकतांत्रिक ढांचे की विश्वसनीयता प्रभावित होती है। पीटीआई ने जोर देते हुए कहा कि देश के लिए सबसे बड़ी आवश्यकता यह है कि सभी संस्थाएँ अपने-अपने संवैधानिक दायरे में रहकर कार्य करें, ताकि शासन प्रणाली पर जनता का भरोसा मजबूत हो सके।
पीटीआई ने मांग की है कि सेना इस टिप्पणी पर स्पष्टीकरण दे और भविष्य में राजनीतिक मामलों से जुड़े ऐसे बयानों से परहेज करे। पार्टी ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दे अत्यंत गंभीर होते हैं और उन्हें राजनीतिक विवादों का हिस्सा नहीं बनाया जाना चाहिए।





