भारत और चीन के रिश्तों में आई खटास अब धीरे-धीरे कम होती दिख रही है। पांच वर्षों के अंतराल के बाद भारत ने चीनी नागरिकों को पर्यटक वीज़ा जारी करने की प्रक्रिया दोबारा शुरू कर दी है। यह कदम दोनों देशों के बीच सामान्य होते रिश्तों का अहम संकेत माना जा रहा है।
2020 से बंद था वीज़ा जारी करना
भारत ने कोविड-19 महामारी और गलवान घाटी में हुई सैन्य झड़पों के बाद 2020 में चीनी नागरिकों को पर्यटक वीज़ा देना बंद कर दिया था। महामारी के बाद भले ही अन्य देशों के लिए पाबंदियां धीरे-धीरे हटीं, लेकिन चीन के लिए यह रोक सैन्य तनाव के चलते जारी रही।
कूटनीतिक बातचीत का असर
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में बीजिंग में अपने समकक्ष वांग यी और चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की। बातचीत के दौरान द्विपक्षीय संबंधों को पटरी पर लाने और आपसी विश्वास बहाली पर जोर दिया गया।
LAC पर तनाव में आई कमी
पिछले वर्ष अक्टूबर से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत-चीन सेनाओं के बीच कुछ क्षेत्रों से पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। इससे संवाद और कूटनीतिक संबंधों को आगे बढ़ाने की राह खुली।
कैलाश मानसरोवर यात्रा भी शुरू
भारत द्वारा कैलाश मानसरोवर यात्रा को पांच वर्षों के बाद फिर से शुरू करना भी दोनों देशों के बीच सामान्य होते संबंधों का एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।