केंद्र और राज्य सरकारें पड़ोसी राज्यों में कोयले के उपयोग को धीरे-धीरे खत्म करने की तैयारी कर रही हैं। इसके तहत नए थर्मल पावर प्लांट लगाने पर रोक लगाने पर भी विचार किया जा रहा है, ताकि प्रदूषण कम हो और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा मिल सके।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस कदम का उद्देश्य न केवल पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम करना है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और वायु गुणवत्ता में सुधार करना भी है। योजना के तहत पुराने कोयला आधारित पावर प्लांटों के लिए भी चरणबद्ध तरीके से विकल्प खोजने पर जोर दिया जाएगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यह निर्णय लागू हुआ, तो पड़ोसी राज्यों में ऊर्जा उत्पादन के तरीकों में बड़ा बदलाव आएगा। इसके साथ ही, नवीकरणीय ऊर्जा, जैसे सोलर और विंड पावर, को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे ऊर्जा क्षेत्र में स्थिरता और सतत विकास सुनिश्चित होगा।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि नए नियमों को लागू करते समय आर्थिक और रोजगार संबंधी पहलुओं का भी ध्यान रखा जाएगा, ताकि उद्योग और स्थानीय समुदायों को संक्रमण के दौरान सहारा मिल सके।
इस पहल से देश में स्वच्छ और हरित ऊर्जा के विकास को बल मिलेगा और पारंपरिक कोयला आधारित ऊर्जा उत्पादन पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ सकता है।





