पंतनगर विश्वविद्यालय के छात्रों, कर्मचारियों और परिसरवासियों को जल्द ही बंदरों के उत्पात से राहत मिलने वाली है। कंपंसेटरी एफॉरेस्टेशन फंड मैनेजमेंट एंड प्लानिंग अथॉरिटी (CAMPA) परियोजना के तहत विश्वविद्यालय परिसर को ‘जीरो मंकी जोन’ घोषित करने की दिशा में कार्य शुरू हो चुका है।
🐒 बंदरों की संख्या एक हजार से अधिक, परेशानी थी गंभीर
विश्वविद्यालय परिसर में लगभग एक हजार से अधिक बंदरों की मौजूदगी के कारण:
किचन गार्डन में फल-सब्जी उत्पादन शून्य हो गया था
छात्रों व कर्मचारियों में डर और चोटिल होने की घटनाएं आम थीं
👥 अभियान का नेतृत्व और सहयोग
इस समस्या से निपटने के लिए कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान के निर्देश पर
वेटरिनरी कॉलेज के प्रो. डॉ. जेएल सिंह ने
निदेशक प्रशासन बीएस चलाल के सहयोग से
इस अभियान का जिम्मा उठाया।
वन विभाग की टीम बंदरों को पकड़ने के लिए सक्रिय है।
इस कार्य में:
सुरक्षा विभाग,
फार्म के डॉ. परविंदर सिंह,
छात्रों,
कर्मचारियों और परिसरवासियों का भी सहयोग लिया जा रहा है।
📅 अब तक की प्रगति
शनिवार को टीम पंतनगर पहुंची
रविवार को 22 बंदर
सोमवार को 45 बंदर पकड़े गए
इन बंदरों को केले व चने का लालच देकर पिंजरों में बंद किया गया और रानीबाग स्थित रेस्क्यू/नसबंदी केंद्र भेजा गया।
🌿 वन विभाग की सक्रिय भूमिका
अभियान का नेतृत्व डीएफओ यूसी तिवारी और डीएफओ चंद्रशेखर जोशी कर रहे हैं।
परियोजना का लक्ष्य है:
परिसर को बंदर-मुक्त बनाना
स्थायी रूप से जन-सुरक्षा और स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करना