न्यूयॉर्क/दमिश्क। सीरिया के राष्ट्रपति अल-शरा संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के वार्षिक सत्र में शामिल होने के लिए न्यूयॉर्क पहुंच गए हैं। खास बात यह है कि पिछले 60 वर्षों में पहली बार कोई सीरियाई राष्ट्रपति महासभा की बैठक में शिरकत करेगा। इस दौरे को न केवल सीरिया की विदेश नीति में बड़ा बदलाव माना जा रहा है, बल्कि पश्चिमी देशों से रिश्तों को नए सिरे से परखने की कोशिश के रूप में भी देखा जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक हलकों में अल-शरा की मौजूदगी को बेहद अहम माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि लंबे समय तक गृहयुद्ध, अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों और अलगाव का सामना करने के बाद सीरिया अब वैश्विक मंच पर अपनी छवि सुधारने और संवाद की नई राह तलाशने की कोशिश कर रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, अल-शरा महासभा के दौरान कई देशों के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर सकते हैं। इसमें पश्चिमी देशों के अलावा रूस, चीन और अरब जगत के नेताओं से भी चर्चा की संभावना है। माना जा रहा है कि उनकी प्राथमिकता सीरिया पर लगे प्रतिबंधों में ढील दिलाना और युद्धग्रस्त देश के पुनर्निर्माण के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग जुटाना होगी।
संयुक्त राष्ट्र में शामिल होने वाले सीरियाई प्रतिनिधिमंडल का कहना है कि अल-शरा का संबोधन सीरिया की भावी दिशा और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को लेकर स्पष्ट संकेत देगा। यह भी अनुमान है कि वे क्षेत्रीय स्थिरता, आतंकवाद और शरणार्थी संकट जैसे विषयों पर अपनी बात रखेंगे।
गौरतलब है कि सीरिया से किसी राष्ट्रपति की UNGA सत्र में पिछली भागीदारी छह दशक पहले हुई थी। ऐसे में अल-शरा की यह मौजूदगी इतिहास के पन्नों में दर्ज होने जा रही है।





