न्यायपालिका के काम में खुफिया एजेंसियों के हस्तक्षेप के आरोपों की जांच के लिए पाकिस्तान की कैबिनेट ने आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व में एक जांच आयोग का गठन किया जाएगा। पूर्व मुख्य न्यायाधीश तस्सदुक हुसैन जिलानी की अध्यक्षता वाला आयोग एक पत्र के जरिए न्यायाधीशों द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच करेगा और 60 दिनों में अपनी रिपोर्ट देगा। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) के न्यायाधीश न्यायमूर्ति मोहसिन अख्तर कियानी, न्यायमूर्ति तारिक महमूद जहांगीरी, न्यायमूर्ति बाबर सत्तार, न्यायमूर्ति सरदार इजाज इशाक खान, न्यायमूर्ति अरबाब मुहम्मद ताहिर और न्यायमूर्ति समन फफत इम्तियाज ने 26 मार्च को सर्वोच्च न्यायिक परिषद को पत्र भेजा था। जिसमें न्यायिक मामलों में खुफिया एजेंसियों के कथित हस्तक्षेप पर एक न्यायिक सम्मेलन बुलाने का आग्रह कर रहा है।