काठमांडू। नेपाल में सरकार द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगाने के फैसले के बाद हालात बेकाबू हो गए हैं। राजधानी काठमांडू समेत कई शहरों में रविवार को हजारों की संख्या में युवा सड़कों पर उतर आए और जमकर विरोध-प्रदर्शन किया। देखते ही देखते प्रदर्शन हिंसक रूप ले बैठा और भीड़ संसद भवन तक पहुंच गई। हालात बिगड़ने पर पुलिस ने फायरिंग की, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई जबकि 42 लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, प्रदर्शनकारी शुरू में शांतिपूर्ण तरीके से नारेबाजी कर रहे थे, लेकिन संसद की ओर बढ़ते समय उनकी झड़प सुरक्षा बलों से हो गई। गुस्साई भीड़ ने बैरिकेडिंग तोड़ दी और पत्थरबाजी शुरू कर दी। इस पर सुरक्षाबलों ने पहले आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया, लेकिन हालात काबू में न आने पर गोलीबारी करनी पड़ी।
सूत्रों के मुताबिक, प्रदर्शनकारी संसद भवन के मुख्य गेट तक पहुंच गए थे और कुछ लोग अंदर भी घुसने में कामयाब रहे। इससे अफरातफरी मच गई और सांसदों को तत्काल सुरक्षा घेरे में निकालकर सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया।
नेपाल सरकार ने हाल ही में फेसबुक, यूट्यूब और एक्स (ट्विटर) समेत 26 बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था। सरकार का कहना है कि यह कदम अफवाहों, फेक न्यूज और अशांति फैलाने वाली गतिविधियों को रोकने के लिए जरूरी है। लेकिन युवाओं का आरोप है कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है।
घटना के बाद काठमांडू और आसपास के जिलों में कर्फ्यू जैसी स्थिति बना दी गई है। इंटरनेट सेवाओं पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है। सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं और अतिरिक्त बल की तैनाती की गई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि नेपाल में सोशल मीडिया बैन का फैसला राजनीतिक असंतोष को और भड़का सकता है। फिलहाल सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव जारी है और हालात सामान्य होने में समय लग सकता है।