लोगों के निजी डाटा को साइबर अपराधियों से बचाने के लिए पर्सनल डिजिटल डाटा संरक्षण अधिनियम लागू होने जा रहा है। सरकार ने इस संबंध में तैयार मसौदों और उसके नियमों को जारी कर दिया। नए लागू होने से डाटा चोरी पर शिकंजा कसा जा सकेगा। सरकार ने शिकायत निवारण और डाटा संरक्षण बोर्ड बनाने का भी फैसला किया है। मंत्रालय ने कानून बनाने के लिए 18 फरवरी तक लोगों से सुझाव मांगे हैं। इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने डिजिटल पर्सनल डाटा सुरक्षा कानून के लिए मसौदा नियम जारी किए हैं, जिसके अनुसार कंपनियों के लिए बच्चे के किसी भी पर्सनल डाटा को प्रोसेस करने से पहले माता-पिता की सहमति लेना अनिवार्य होगा। मसौदे के अनुसार, शिकायत निवारण और डाटा संरक्षण बोर्ड बनाया जाएगा। डिजिटल बोर्ड एक कार्यालय के तौर पर काम करेगा। इसमें एक डिजिटल प्लेटफार्म और एप होगा, जिसके चलते लोग डिजिटल संपर्क में रहेंगे और शिकायत कर सकेंगे। डिजिटल बोर्ड समयबद्ध तरीके से शिकायतों का निपटारा, सजा का न्यायिक ढांचा प्रदान करेगा। डाटा जिस ट्रस्टी के पास होगा, वो सालाना सुरक्षा उपाय, आकलन और ऑडिट सुनिश्चित करेंगे।