नगर निगम देहरादून की 13 हजार फाइलें रहस्यमय ढंग से गायब हो गई हैं। इस मामले में राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने सुनवाई के दौरान सामने आई लापरवाही को पकड़ते हुए कार्रवाई के लिए सचिव शहरी विकास और निदेशक शहरी विकास को आदेश दिया है। योगेश भट्ट ने इस मामले में कोई पुनरावृत्ति न होने की मांग की है और उन्होंने व्यवस्था की जाने की भी आवश्यकता बताई है।
राज्य सूचना आयुक्त ने तरुण गुप्ता की अपील पर सुनवाई के दौरान नगर निगम से छह महीने पूर्व गायब पत्रावलियों का विवरण तैयार करने को कहा था। इस निर्देश के बाद, नगर निगम ने छह महीने में रिपोर्ट तैयार की, जिसमें वर्ष 1989 से 2021 तक नगर निगम के अभिलेखों से 13,743 पत्रावलियों की गायबी की जानकारी सामने आई है।
राज्य सूचना आयुक्त ने इस मामले में दी गई बड़ी संख्या में पत्रावलियों के गायब होने को गंभीरता से लिया है और पूरे प्रकरण पर शासन को संदर्भित किया है। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि इस प्रकार की बड़ी संख्या में पत्रावलियों का गायब होना किसी भी संविदानशील संगठन के लिए अन्धेरे का राज हो सकता है। इस प्रकार के गायबी पत्रावलियों के पीछे किसी बड़े राज का अस्तित्व संभव है, जो गिरोहों या योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा है।