तमिलनाडु के कुड्डालोर जिले में स्कूल वैन और ट्रेन के बीच हुई दर्दनाक टक्कर के बाद, जिसमें तीन बच्चों की मौत और छह अन्य घायल हुए, रेलवे मंत्रालय ने देशभर में रेलवे क्रॉसिंग की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर 11 बड़े कदमों की घोषणा की है।
इस हादसे में फाटक खुले होने और ऑपरेशनल लापरवाही के आरोपों ने रेलवे को कड़े फैसले लेने के लिए मजबूर किया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक के बाद सुरक्षा उपायों का ऐलान किया गया।
अब हर रेलवे फाटक पर CCTV, सोलर और बैकअप सिस्टम
- सभी रेलवे क्रॉसिंग पर अब CCTV कैमरे अनिवार्य रूप से लगाए जाएंगे।
- कैमरों के साथ सोलर पैनल, यूपीएस और बैटरी बैकअप भी होगा ताकि बिजली कटने की स्थिति में भी रीयल-टाइम निगरानी जारी रह सके।
गेट इंटरलॉकिंग सीमा घटाई गई
- रेलवे ने गेट इंटरलॉकिंग की सीमा 20,000 TUV से घटाकर 10,000 TUV कर दी है।
- इसका मतलब है कि अब ज्यादा संख्या में फाटक स्वचालित रूप से बंद हो सकेंगे, जिससे तेज़ रफ्तार ट्रेनों के दौरान सुरक्षा बेहतर होगी।
नए साइन बोर्ड, स्पीड ब्रेकर और गार्ड्स की तैनाती
- सभी फाटकों पर नई डिजाइन वाले चेतावनी संकेत (warning signs) और स्पीड ब्रेकर लगाए जाएंगे।
- जहां गेटमैन पर स्थानीय दबाव या असहयोग की स्थिति हो, वहां रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और होम गार्ड्स की तैनाती सुनिश्चित की जाएगी।
लेवल क्रॉसिंग की जगह आएंगे ROB, RUB और LHS
- रेलवे ने यह भी कहा है कि जहां संभव हो वहां लेवल क्रॉसिंग को समाप्त किया जाएगा और वहां रोड ओवर ब्रिज (ROB), रोड अंडर ब्रिज (RUB) और लिमिटेड हाइट सबवे (LHS) बनाए जाएंगे।
पूरे देश में 15 दिवसीय सुरक्षा निरीक्षण अभियान
- रेलवे ने एक 15 दिनों का देशव्यापी सुरक्षा निरीक्षण अभियान शुरू किया है।
- इस दौरान सभी ब्लॉक सेक्शनों में स्थित रेलवे क्रॉसिंग की गहन जांच की जाएगी।
रेल मंत्रालय का संदेश:
रेलवे मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि इन कदमों का उद्देश्य दुर्घटनाओं को रोकना, मानव जीवन की रक्षा करना और ऑपरेशनल सिस्टम को तकनीकी रूप से मजबूत बनाना है।
तमिलनाडु में हुए हादसे ने रेलवे को न केवल संवेदनशील, बल्कि आक्रामक सुरक्षा सुधारों की दिशा में प्रेरित किया है। आने वाले समय में देश की अधिकांश रेलवे क्रॉसिंग डिजिटली स्मार्ट और सुरक्षित होंगी।