प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि देश में 95 करोड़ लोग सामाजिक सुरक्षा का लाभ ले रहे हैं, जबकि साल 2015 में यह आंकड़ा 25 करोड़ ही था। प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 129वें एपिसोड को संबोधित किया। इसी में पीएम मोदी ने 95 करोड़ लोगों के सामाजिक सुरक्षा के दायरे में होने की बात कही। प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें बताया गया है कि भारत की 64 प्रतिशत आबादी किसी न किसी सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ ले रही है। प्रधानमंत्री ने कहा ‘हाल ही में अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन आईएलओ की रिपोर्ट आई है, जिसमें बताया गया है कि भारत की 64 प्रतिशत से ज्यादा आबादी को अब कोई न कोई सामाजिक सुरक्षा लाभ मिल रहा है। आज देश के 95 करोड़ लोग किसी न किसी सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ ले रहे हैं। साल 2015 तक ये आंकड़ा 25 करोड़ था।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि यह दुनिया में सामाजिक सुरक्षा का सबसे बड़ा दायरा है।प्रधानमंत्री ने कहा कि सामाजिक न्याय की भी यह अच्छी तस्वीर है। ये सफलता इस विश्वास से आई है कि आने वाला समय और भी अच्छा होगा। भारत हर कदम के साथ मजबूत होगा। प्रधानमंत्री ने देश की एक और उपलब्धि की तारीफ की और कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को ट्राकोमा मुक्त घोषित किया है। पीएम मोदी ने कहा कि यह देश के स्वास्थ्य कर्मियों की सफलता है। ट्राकोमा एक बेहद संक्रमणकारी बीमारी है।
प्रधानमंत्री ने कैलाश मानसरोवर और अमरनाथ आदि तीर्थ यात्राओं को लेकर कहा कि ‘जब कोई तीर्थयात्रा पर निकलता है, तो एक ही भाव सबसे पहले मन में आता है, ‘चलो, बुलावा आया है’। यही भाव हमारे धार्मिक यात्राओं की आत्मा है। ये यात्राएं शरीर के अनुशासन का, मन की शुद्धि का, आपसी प्रेम और भाईचारे का, प्रभु से जुड़ने का माध्यम हैं। इनके अलावा, इन यात्राओं का एक और बड़ा पक्ष होता है। ये धार्मिक यात्राएं सेवा के अवसरों का एक महाअभियान भी होती हैं। जब कोई भी यात्रा होती है तो जितने लोग यात्रा पर जाते हैं, उससे ज्यादा लोग तीर्थयात्रियों की सेवा के काम में जुटते हैं। अभी कुछ दिन पहले हमने भगवान जगन्नाथ जी की रथयात्रा भी देखी है।ओडिशा हो, गुजरात हो, या देश का कोई और कोना, लाखों श्रद्धालु इस यात्रा में शामिल होते हैं। उत्तर से दक्षिण, पूरब से पश्चिम, ये यात्राएं ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के भाव का प्रतिबिंब है।