उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना पर्यटन के साथ ही सामरिक दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद इस मार्ग पर बने विश्व के सबसे ऊंचे चिनाब ब्रिज से ट्रेन चलाने की योजना भी थम गई है। क्योंकि जिस तरह से पर्यटकों को निशाना बना कर आतंकवादियों ने संदेश दिया है उससे साफ है कि फिलहाल घाटी में वंदे भारत ट्रेन चलने के लिए इंतजार करना पड़ेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 अप्रैल को इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने वाले थे लेकिन मौसम की चेतावनी की वजह से यह संभव नहीं हो पाया।
पहलगाम में हुए हमले ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। आतंकवादियों ने पर्यटकों को निशाना बना कर घाटी में पर्यटन को नुकसान पहुंचाना चाहते है। लिहाजा अब हर किसी के मन में सवाल है कि घाटी में चलने वाली वंदे भारत ट्रेन कैसे चलेगी। सुरक्षा कारणों से फिलहाल इसके लिए इंतजार करना पड़ सकता है। हालांकि इस रूट पर ट्रेन चलाने में किसी तरह की परेशानी नहीं है लिहाजा अगर किसी तरह की युद्ध की स्थिति बनती है तो यूएसबीआरएल प्रोजेक्ट सेना के लिए काफी महत्वपूर्ण हो जाएगा। उधर, दुनिया के सबसे ऊंची रेल ब्रिज की सुरक्षा भी सख्त कर दी गई है। इतना ही नहीं कटरा-श्रीनगर के बीच की रेल लाइन की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। आंतकी किसी तरह से इस रेल लाइन को नुकसान नहीं पहुंचाए यह सुनिश्चित किया गया है।
आतंकी हमले की वजह से अंदेशा है कि इस ट्रैक पर ट्रेन चलाने में देरी हो। आधिकारिक ऐलान का इंतजार करना होगा। चिनाब रेल ब्रिज ही नहीं अंजी ब्रिज की निगरानी पहड़ियों से की जा रही है। टनल और ब्रिज की सुरक्षा में रेलवे पुलिस के जवान की तैनाती की गई है। उत्तर रेलवे के अधिकारियों के अनुसार रेलवे की तरफ से सुरक्षा व्यवस्था चुस्त की गई है। चिनाब ब्रिज की सुरक्षा आरपीएफ के साथ ही लोकल पुलिस और सुरक्षा एजेंसिया कर रही है।