पूर्व राष्ट्रपति यून सुक योल द्वारा देश में मार्शल लॉ लगाने के फैसले के बाद से दक्षिण कोरिया में बीते कई महीनों से राजनीतिक उठा-पटक का दौर जारी है। अब सभी की निगाहें इस सप्ताह होने वाले राष्ट्रपति चुनाव पर है। इस चुनाव में लिबरल पार्टी के उम्मीदवार ली जे म्युंग और कंजर्वेटिव पार्टी उम्मीदवार किम मून सो के बीच कड़ी टक्कर है। नए राष्ट्रपति के सामने कई चुनौतियां हैं, जिनमें वामपंथी और दक्षिणपंथी राजनीति के गहराते मतभेद, ट्रंप प्रशासन द्वारा टैरिफ लगाने का फैसला और उत्तर कोरिया की बढ़ती सैन्य ताकत से निपटना आदि प्रमुख हैं। तो आइए जानते हैं दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बारे में-
60 वर्षीय ली डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार हैं और विभिन्न सर्वे में ली को राष्ट्रपति पद का सबसे लोकप्रिय उम्मीदवार बताया जा रहा है। पूर्व राष्ट्रपति यून ने जब बीते साल दिसंबर में देश में मार्शल लॉ लगाया तो उनका विरोध करने वालों में ली जे म्युंग सबसे अहम व्यक्ति थे। ली ने बताया कि जब उनकी पत्नी ने उन्हें मार्शल लॉ लगने की खबरों के बारे में बताया तो पहले उन्हें लगा कि ये डीपफेक वीडियो है, लेकिन जैसे ही उन्हें अहसास हुआ कि सच में देश में मार्शल लॉ लगाया जा रहा है तो उन्होंने तुरंत अपनी पार्टी के नेताओं को संसद भवन पहुंचने का निर्देश दिया ताकि यून को रोका जा सके।
यून को महाभियोग के जरिए राष्ट्रपति पद से हटाने में भी ली जे म्युंग की भूमिका रही। ली तीसरी बार राष्ट्रपति पद की रेस में हैं। इससे पहले साल 2022 में भी वे राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार थे और यून से करीबी मुकाबले में चुनाव हार गए थे। ली दक्षिण कोरिया के सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले प्रांत ग्योंगी के गवर्नर रह चुके हैं और साथ ही सियोंगनाम शहर के मेयर भी रह चुके हैं। ली का कहना है कि वे देश की अर्थव्यस्था को बेहतर कर सकते हैं और उत्तर कोरिया के साथ शांति स्थापित कर सकते हैं। ली अपने तेजतर्रार भाषणों के लिए जाने जाते हैं। हालांकि उनके विरोधियों का कहना है कि वे एक खतरनाक जननेता हैं, जो देश में राजनीतिक फायदे के लिए बंटवारा भी करा सकते हैं। ली के खिलाफ पांच आपराधिक मामलों में ट्रायल चल रहा है। अगर वे राष्ट्रपति चुनाव जीत जाते हैं तो ये मामले बंद हो जाएंगे क्योंकि दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति को आपराधिक कार्रवाई से इम्युनिटी मिली होती है।
73 वर्षीय कंजर्वेटिव उम्मीदवार किम मून सो पूर्व राष्ट्रपति यून सुक योल की पार्टी से उम्मीदवार हैं और वे यून की सरकार में श्रम मंत्री रहे थे। किम ने कंजर्वेटिव पीपल पावर पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार मई में ही बनाए गए थे। हालांकि उनकी पार्टी के कुछ नेताओं ने किम की जगह पूर्व पीएम डक सो को उम्मीदवार बनाने का समर्थन किया। हालांकि नाटकीय घटनाक्रम में आखिरकार किम को ही पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया। किम चुनाव प्रचार के दौरान दक्षिण कोरिया की सुरक्षा के लिए बेहतर मिसाइल डिफेंस सिस्टम बनाने और अमेरिका के साथ रक्षा संबंधों को और बेहतर करने का वादा कर रहे हैं। किम पूर्व में वामपंथी विचारधारा के समर्थक थे और श्रम अधिकारों की मांग के लिए वे ढाई साल जेल में भी रहे। हालांकि साल 1994 में वे कंजर्वेटिव पार्टी के समर्थन बन गए। वह भी ग्योंगी के आठ साल तक गवर्नर रहे।