अंतरराष्ट्रीय तेल खरीद पर भारत का फैसला विभिन्न कारकों पर आधारित है, जिनमें देश का राष्ट्रीय हित सबसे ऊपर हैं। राज्यसभा में विदेश मंत्रालय से पूछा गया, क्या यह सच है कि अमेरिका ने भारत को रूस से तेल नहीं लेने के लिए कहा है व इसके लिए समय सीमा तय की है। इसके जवाब में विदेश राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि अमेरिका ने 14 जनवरी को ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित 400 से अधिक रूसी संस्थाओं पर लगाए गए प्रतिबंधों के बारे में सूचित किया है। विदेश राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने जवाब में बृहस्पतिवार को बताया कि मंत्रालय को अमेरिका ने 14 जनवरी को ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित 400 से अधिक रूसी संस्थाओं पर लगाए गए प्रतिबंधों के बारे में सूचित किया है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय की ओर से घोषित प्रतिबंध के दायरे में बड़ी तेल कंपनियों व उनकी सहायक कंपनियों को भी लाया गया है। इस दायरे में एलएनजी टर्मिनलों, बीमा कंपनियों, तेल व्यापारियों, तेल जहाजों और तेल क्षेत्र सेवाओं प्रदाताओं को भी रखा गया है।
इसके साथ ही सिंह ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय तेल खरीद पर सरकार राष्ट्रीय हितों व प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए निर्णय करती है। भारतीय तेल व्यापारियों, तेल क्षेत्र सेवा प्रदाताओं व बीमा कंपनियों को प्रभावित करने वाले किसी भी प्रावधान के बारे में हितधारकों को संवेदनशील बनाने के लिए कदम पहले ही उठाए जा चुके हैं।