डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे पर बोलते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि भारत ने 6 वर्षों में 80% लोगों तक वित्तीय सुविधाएं पहुंचाई हैं। ऐसे डिजिटल बुनियादी ढांचे के बिना इस उपलब्धि में दशकों लगते। सुरक्षा परिषद में बोलते हुए, उन्होंने कहा, भारत की यात्रा डिजिटल परिवर्तनों की शुरुआत करने वाले अन्य देशों को एक सबक प्रदान करती है। कंबोज ने कहा, हम आज यहां भारत में अरबों लोगों के सशक्तिकरण का जश्न मनाने के लिए एकत्र हुए हैं। ऐसे में हमारे जी-20 नेतृत्व की भावना को अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा, सबका विकास, सबके विकास के लिए एक साथ। रुचिरा कंबोज ने कहा, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भी अपने वर्किंग पेपर में भारत की डिजिटल यात्रा के लाभों का जिक्र किया है। भारत की यह उपलब्धि सभी के लिए प्रेरणा है। इसमें पारिस्थितिक तंत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए साझा बिल्डिंग ब्लॉक्स पर केंद्रित डिजाइन दृष्टिकोण पर जोर दिया गया है। कंबोज ने यूपी के खुर्जा में रहने वाली दर्जी का काम करने वाली गीता की कहानी साझा की। वह दो बच्चों की मां है और पड़ोसियों के लोगों के कपड़े सिलती थी। उसे कभी पढ़ाई का मौका भी नहीं मिला। कमाई बहुत कम थी, लेकिन व्यवसायी महिला बनने की ख्वाहिश थी। वर्ष 2016 में एक ग्राहक ने उसे यूपीआई से भुगतान की सलाह दी और उसने कुछ नया सीखा। गीता अब अपने इलाके से ही नहीं, पूरे देश के ग्राहकों से जुड़ सकती है।