डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व आध्यात्मिक सलाहकार जॉनी मूर ने बुधवार को कहा कि ट्रंप 2.0 प्रशासन के लिए धार्मिक स्वतंत्रता पहली प्राथमिकता होगी। अमेरिकी राष्ट्रपति हिंदू अमेरिकियों के अच्छे मित्र साबित होंगे। मूर ने खालिस्तान के मुद्दे, संशोधित आव्रजन नीतियों और डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के तहत भारत-अमेरिका संबंधों की प्रगति के बारे में भी बात की।यूनाइटेड स्टेट्स कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम (यूएससीआईआरएफ) के पूर्व आयुक्त रहे जॉनी मूर ने कहा, यह बिल्कुल स्पष्ट है कि धार्मिक स्वतंत्रता ट्रंप प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। जब वह कुछ महीने पहले राष्ट्रपति चुनाव में शामिल हुए थे तो वह दुनिया के उन नेताओं में से एक थे, जिन्होंने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के बारे में स्पष्ट और सीधे तौर पर बात की थी। इसलिए आप निश्चिंत हो सकते हैं कि राष्ट्रपति ट्रंप न केवल भारतीय अमेरिकियों, बल्कि सभी हिंदू अमेरिकियों के अच्छे मित्र बनने जा रहे हैं।
खालिस्तान के मुद्दे पर मूर ने कहा, मैं उस विषय का विशेषज्ञ नहीं हूं, लेकिन मैं आपको जो बता सकता हूं और जिस पर मुझे पूरा भरोसा है, वह यह है कि अमेरिका और भारत के बीच टकराव का कोई भी मुद्दा हो, तो उन मुद्दों पर बातचीत करने के लिए चैनल होंगे। टैरिफ पर मूर ने कहा, इस सब से जो निकलेगा वह दोनों देशों के हित वाला होगा, जो सभी को और समृद्ध बनाएगा।