पश्चिम एशियाई देश इस्राइल और अमेरिका के बीच बेहद करीबी रिश्ते रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद इस्राइल और हमास के बीच 15 महीने से जारी हिंसा फिलहाल रूक गई है। दोनों पक्षों के युद्धविराम के बीच कई बंधकों की रिहाई भी हुई है। अब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने हिंसाग्रस्त क्षेत्र गाजा पर अधिकार की बात को लेकर चर्चा में हैं। ट्रंप बीते एक हफ्ते में कई बार दोहरा चुके हैं कि गाजा पर अमेरिका का हक है। उन्होंने कहा है कि इस भूखंड की वर्तमान स्थिति ऐसी है, जहां कोई भी दोबारा बसना नहीं चाहेगा। उन्होंने एक बार फिर दोहराया है कि यहां रहने वाले लगभग 22 लाख फलस्तीनी लोगों को जॉर्डन और मिस्र जैसे पड़ोसी देशों में विस्थापित किया जा सकता है। हालांकि, ट्रंप के इस बयान की आलोचना भी हो रही है। पश्चिम एशिया में जॉर्डन और अमेरिका को सबसे करीबी सहयोगी माना जाता है। हालांकि, मिस्र के दौरे पर आए जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय ने ट्रंप के ‘गाजा पर अमेरिकी अधिकार’ वाले बयान का विरोध भी किया। उन्होंने कहा, मिस्र एक योजना पर काम कर रहा है कि किस प्रकार पश्चिमी एशियाई देश ट्रंप के इस चौंकाने वाले प्रस्ताव पर उनके साथ ‘काम करने को सहमत’ हो सकते हैं। जॉर्डन के राजा ने ट्रंप से मुलाकात के बाद कहा, ‘मैंने गाजा और पश्चिमी एशिया में फलस्तीनियों के विस्थापन के खिलाफ जॉर्डन की दृढ़ स्थिति साफ कर दी है। यही अरब देशों का भी मानना है।’ उन्होंने कहा, फलस्तीनियों को विस्थापित किए बिना गाजा में पुनर्निर्माण और गंभीर मानवीय संकट का समाधान सभी के लिए प्राथमिकता होनी चाहिए। अब्दुल्ला ने कहा, ‘हम सऊदी अरब में इस बात पर चर्चा करेंगे कि अमेरिका के साथ मिलकर गाजा संकट का समाधान कैसे किया जा सकता है। मुझे लगता है कि हमें तब तक इंतजार करना चाहिए जब तक मिस्र राष्ट्रपति ट्रंप से मिलकर अपनी योजना सार्वजनिक नहीं करता।’