नई दिल्ली। अमेरिका की ओर से लगाए गए ट्रंप टैरिफ का असर भारतीय निर्यातकों पर गहराता जा रहा है। इस झटके को कम करने और प्रभावित उद्योगों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार आपातकालीन ऋण गारंटी योजना (ECLGS) लागू करने की तैयारी कर रही है। इस संबंध में मंगलवार को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई है। बैठक में टैरिफ से जुड़े असर की समीक्षा के साथ निर्यातकों को राहत देने के उपायों और जवाबी रणनीति पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
कपड़ा, चमड़ा और इंजीनियरिंग क्षेत्र पर सबसे ज्यादा असर
सरकारी सूत्रों के अनुसार, भारी टैरिफ का सबसे अधिक असर कपड़ा, चमड़ा और इंजीनियरिंग सामान से जुड़े उद्योगों पर पड़ा है। इनमें बड़े उद्योगों के साथ-साथ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (MSME) भी शामिल हैं, जो पहले से ही प्रतिस्पर्धा और लागत दबाव का सामना कर रहे हैं। ऐसे में इन उद्योगों को तुरंत राहत पहुंचाने के लिए ECLGS योजना के तहत वित्तीय गारंटी दी जाएगी। इसके अलावा, क्लस्टर आधारित कार्यशील पूंजी निधि (वर्किंग कैपिटल फंड) देने पर भी विचार किया जा रहा है ताकि तरलता की समस्या कम हो और उत्पादन प्रभावित न हो।
प्रधानमंत्री ने खुद की थी स्थिति की समीक्षा
पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC) की बैठक में इस विषय पर विस्तार से चर्चा की थी। बैठक में वरिष्ठ मंत्रियों और आर्थिक विशेषज्ञों ने सुझाव दिया था कि अमेरिका के दबाव में झुकने के बजाय प्रभावित क्षेत्रों के लिए नए बाजार तलाशे जाएं और घरेलू आर्थिक सुधारों की गति को और तेज किया जाए।
निर्यातकों के सुझावों पर विचार
सरकारी स्तर पर विभिन्न उद्योग संगठनों और निर्यातकों से लगातार सुझाव लिए जा रहे हैं। वित्त मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय इन सुझावों के आधार पर राहत पैकेज का स्वरूप तय करेंगे। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भारत के निर्यातक अपनी प्रतिस्पर्धा क्षमता बनाए रखें और अंतरराष्ट्रीय बाजार में उनका भरोसा कायम रहे।
ट्रंप के भावी रुख पर नजर
भारत सरकार अमेरिका के भावी रुख पर भी नजर बनाए हुए है। रूस-यूक्रेन युद्धविराम की संभावना तलाशने के लिए हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के बाद ट्रंप ने संकेत दिया था कि अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाने के फैसले को कुछ समय के लिए टाला जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि यदि ट्रंप आगे भी नरमी दिखाते हैं तो भारत को अतिरिक्त राहत मिल सकती है, लेकिन सरकार फिलहाल किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयारी कर रही है।