अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत को ‘डेड इकोनॉमी’ (मृत अर्थव्यवस्था) कहे जाने के बयान ने न केवल कूटनीतिक हलकों में हलचल मचाई है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्रियों और थिंक टैंकों से तीखी प्रतिक्रियाएँ भी आई हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप का यह बयान चुनावी राजनीति से प्रेरित है, न कि वास्तविक आर्थिक विश्लेषण पर आधारित।
अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की राय
• डेरेक स्किसोर्स, अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट
“भारत में संरचनात्मक समस्याएँ जरूर हैं, लेकिन उसे मृत अर्थव्यवस्था कहना पूरी तरह तथ्यात्मक रूप से गलत है। भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था और सेवा क्षेत्र वैश्विक मॉडल बन रहे हैं।”
• निकोलस वर्नेन, पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स
“भारत आज दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था है और वैश्विक आपूर्ति शृंखला में उसकी भूमिका लगातार बढ़ रही है।”
भारत: चुनौतियाँ हैं, लेकिन दिशा मजबूत
• जीडीपी: $4.2 ट्रिलियन
• विकास दर: 6.8% (दुनिया में शीर्ष)
• जनसंख्या: 142 करोड़ से अधिक
• कुल सरकारी कर्ज: ~2 ट्रिलियन डॉलर (80% GDP)
• प्रति व्यक्ति आय: ~$2,900
• ताकतें: युवा जनसंख्या, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर, वैश्विक व्यापार में बढ़ती भागीदारी
अमेरिका और चीन: दबाव में बड़ी अर्थव्यवस्थाएँ
• अमेरिका
o GDP: $28.8 ट्रिलियन
o कर्ज: $34.5 ट्रिलियन (120% GDP)
o मजबूती: डॉलर, तकनीक, सेवा क्षेत्र
o चुनौतियाँ: घरेलू असमानता, ध्रुवीकरण, बजट घाटा
• चीन
o GDP: $18.7 ट्रिलियन
o कर्ज: >300% GDP
o चुनौतियाँ: युवा बेरोजगारी, जनसंख्या घटाव, रियल एस्टेट संकट
o स्थिति: उत्पादन में अग्रणी, लेकिन विकास दर भारत से पीछे
निष्कर्ष: भारत की आलोचना के बजाय संभावनाओं को समझें
ट्रंप का बयान भारत की आर्थिक हकीकत को नहीं दर्शाता। भारत वर्तमान में एक स्थिर और तेज़ी से उभरती अर्थव्यवस्था है जो न केवल वैश्विक व्यापार का हिस्सा बन रही है, बल्कि भविष्य की बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था में एक निर्णायक भूमिका निभाने की ओर बढ़ रही है।