वॉशिंगटन: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल के शुरुआती दिनों में ही ‘अमेरिका फर्स्ट’ की नीति पर चलते हुए दुनिया के कई देशों के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। ट्रंप प्रशासन ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए सीरिया, माली और लीबिया सहित कुल 39 देशों के लिए यात्रा प्रतिबंधों (Travel Ban) के दायरे को और बढ़ा दिया है। इस फैसले के बाद इन देशों के नागरिकों का अमेरिका में प्रवेश करना लगभग नामुमकिन हो गया है, जिससे वैश्विक स्तर पर नई कूटनीतिक बहस छिड़ गई है।
क्यों लगाया गया प्रतिबंध? (मुख्य कारण)
व्हाइट हाउस द्वारा जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, यह कदम देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने और संभावित आतंकी खतरों को रोकने के लिए उठाया गया है।
- सुरक्षा प्रोटोकॉल का अभाव: ट्रंप प्रशासन का तर्क है कि जिन देशों पर प्रतिबंध लगाया गया है, वे अमेरिका के साथ सुरक्षा और पहचान संबंधी जानकारी साझा करने में विफल रहे हैं।
- अस्थिरता और आतंकवाद: सीरिया, माली और यमन जैसे देशों में जारी गृहयुद्ध और चरमपंथी गतिविधियों को मुख्य जोखिम माना गया है।
- वीजा स्क्रीनिंग: राष्ट्रपति ट्रंप ने स्पष्ट किया है कि जब तक इन देशों की स्क्रीनिंग प्रक्रिया अमेरिकी मानकों के अनुरूप नहीं होती, तब तक प्रतिबंध जारी रहेगा।
प्रतिबंधित देशों की सूची (प्रमुख नाम)
प्रतिबंध की इस सूची में मध्य पूर्व, अफ्रीका और मध्य एशिया के कई देश शामिल हैं। प्रमुख देशों का विवरण नीचे दिया गया है:
(नोट: कुल 39 देशों की विस्तृत सूची में कुछ देशों पर पूर्ण प्रतिबंध है, जबकि कुछ पर विशिष्ट वीजा श्रेणियों में रोक लगाई गई है।)
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और प्रभाव
ट्रंप के इस फैसले ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में खलबली मचा दी है:
- मानवाधिकार संगठनों का विरोध: एमनेस्टी इंटरनेशनल और कई नागरिक समूहों ने इसे ‘भेदभावपूर्ण’ बताया है, उनका कहना है कि यह निर्णय शरणार्थियों और वैध यात्रियों को संकट में डालेगा।
- कानूनी चुनौतियां: अमेरिका के भीतर भी कई मानवाधिकार वकीलों ने इस आदेश को अदालतों में चुनौती देने की तैयारी शुरू कर दी है।
- डिप्लोमैटिक तनाव: माली और सीरिया जैसे देशों ने इस फैसले की निंदा करते हुए इसे कूटनीतिक संबंधों के लिए नुकसानदेह बताया है।
भारतीय यात्रियों पर क्या होगा असर?
राहत की बात यह है कि इस सूची में भारत का नाम शामिल नहीं है। भारतीय छात्रों, आईटी पेशेवरों और पर्यटकों के लिए वीजा प्रक्रिया सामान्य रूप से जारी रहेगी। हालांकि, अमेरिका आने वाले सभी विदेशी नागरिकों के लिए सुरक्षा जांच (Security Vetting) को पहले से कहीं अधिक कड़ा कर दिया गया है।
राष्ट्रपति ट्रंप का ट्वीट: “हम अपने देश को सुरक्षित रखना चाहते हैं। हम उन लोगों को अंदर नहीं आने दे सकते जो हमारे नागरिकों को नुकसान पहुँचाना चाहते हैं। सुरक्षा पहले!”





