तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक का गढ़ रहे करूर में 2019 की कांग्रेस सांसद सेन्नीमलाई ज्योतिमणि के लिए अपनी और कांग्रेस की जीत को बरकरार रखना आसान नहीं होगा। तब अन्नाद्रमुक के एम थंबीदुरई को हराने वाली ज्योतिमणि किसान परिवार से आने वाली करूर की पहली सांसद बनीं। परास्नातक ज्योति नेता के साथ सामाजिक कार्यकर्ता और लेखक भी हैं। सामाजिक मुद्दों को लेकर उनके सरोकार पिछले चुनाव में जीत दिलाने में प्रमुख कारक रहे थे। 22 साल की उम्र में कांग्रेस में शामिल हुई ज्योति लंबे समय तक भारतीय युवा कांग्रेस की सक्रिय कार्यकर्ता रहीं। वह राहुल गांधी की करीबी हैं। गढ़ वापस लेने के लिए अन्नाद्रमुक ने केआरएल थंगावेल को उतारा है, जबकि भाजपा ने वीवी सेंथिलनाथन को मौका दिया है। ऐसे में त्रिकोणीय मुकाबला तय है। ज्योतिमणि 2011 के विधानसभा चुनाव में राहुल की युवा ब्रिगेड का हिस्सा थीं। कांग्रेस ने तब द्रमुक के गढ़ में 63 सीटों पर चुनाव लड़ा था। विडंबना यह कि जिन वी सेंथिलबालाजी ने 2011 के चुनाव में ज्योतिमिण्ा को हराया था, 2019 के संसदीय चुनावों में वही उनके मुख्य चुनाव रणनीतिकार बने।