रूस और यूक्रेन के बीच लगभग तीन वर्षों से जारी युद्ध के बीच कूटनीतिक मोर्चे पर एक महत्वपूर्ण संकेत तब मिला, जब फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से मुलाकात के बाद इस संघर्ष में संभावित परिवर्तन की उम्मीद जताई। बैठक के उपरांत मैक्रों ने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए यह समय युद्ध के “टर्निंग पॉइंट” में बदल सकता है, लेकिन इसके लिए सभी पक्षों को जिम्मेदारी और दूरदर्शिता के साथ कदम उठाने होंगे।
फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने बातचीत के दौरान युद्ध की मानवीय और आर्थिक लागत को रेखांकित करते हुए कहा कि अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकजुट होकर ऐसे समाधान की दिशा में बढ़ना चाहिए, जो स्थायी शांति सुनिश्चित कर सके। उन्होंने बताया कि फ्रांस यूक्रेन की सहायता और क्षेत्र में स्थिरता कायम करने के लिए कूटनीतिक दबाव, मानवीय मदद और सैन्य समर्थन के अपने प्रयास जारी रखेगा। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी समाधान की कुंजी अंतरराष्ट्रीय कानून, क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के सिद्धांतों में निहित है।
दूसरी ओर, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने फ्रांस द्वारा लगातार मिल रहे समर्थन के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनका देश युद्ध समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन किसी भी समझौते में यूक्रेन की सुरक्षा और राष्ट्रीय हित सर्वोपरि रहेंगे। उन्होंने बताया कि युद्ध के मैदान की स्थिति अब भी चुनौतीपूर्ण है, लेकिन सहयोगी देशों की भागीदारी से यूक्रेन की स्थिति मजबूत हुई है।
मैक्रों और जेलेंस्की की यह मुलाकात ऐसे समय हुई है, जब संघर्ष को लेकर वैश्विक समुदाय में चिंता बढ़ रही है और कई देश युद्ध के समाधान के लिए नई कूटनीतिक पहल की मांग कर रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मैक्रों का यह बयान संकेत देता है कि यूरोपीय नेतृत्व संघर्ष को रोकने के लिए सक्रिय भूमिका निभाने की दिशा में आगे बढ़ना चाहता है।
हालांकि, युद्ध कब और कैसे समाप्त होगा, यह अभी भी स्पष्ट नहीं है। अंतरराष्ट्रीय मंच पर चल रही इस चर्चा ने उम्मीद जरूर जगाई है कि आने वाले महीनों में किसी ठोस शांति प्रस्ताव की दिशा में प्रगति संभव हो सकती है।





