अब यह केवल भारत की चिंता नहीं रह गई है, बल्कि दुनिया के जानकार भी पाकिस्तान की हकीकत को बेनकाब कर रहे हैं।
ऑस्ट्रियाई रक्षा विशेषज्ञ टॉम कूपर ने पाकिस्तान को लेकर एक बड़ा और कड़वा सच सामने रखा है — “पाकिस्तान धर्म का दुरुपयोग कर जिहादी आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है।”
टॉम कूपर का यह बयान ऐसे समय में आया है जब पहलगाम जैसे आतंकी हमले भारत के ज़ख्मों को फिर हरा कर चुके हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में बताया कि पाकिस्तान न केवल आतंकी संगठनों को पनाह दे रहा है, बल्कि वैश्विक स्तर पर जिहादी नेटवर्क को फंडिंग और वैचारिक समर्थन भी दे रहा है।
कूपर ने कहा, “यह केवल भारत की समस्या नहीं रही, यह नेटवर्क अब पश्चिमी अफ्रीका के नाइजीरिया से लेकर फिलीपींस तक फैल चुका है। धर्म आधारित आतंकवाद का यह जाल बहुत बड़ा है, और पाकिस्तान इस पूरी व्यवस्था का एक मुख्य केंद्र है।”
पाकिस्तान के राजनीतिक ढांचे पर भी उन्होंने सीधा वार किया। उनका कहना है कि यह देश लंबे समय से सैन्य तानाशाही से पीड़ित है, जहां सेना और नागरिक नेतृत्व के बीच हमेशा संघर्ष रहा है। कई बार सत्ता पलट हुए, और देश की नीतियों पर सशस्त्र बलों का दबदबा लगातार बना रहा।
लेकिन कूपर का सबसे गंभीर संकेत भारत की सुरक्षा तैयारियों को लेकर था। उन्होंने भारतीय खुफिया एजेंसियों की सतर्कता की तारीफ़ करते हुए कहा कि भारत ने पाकिस्तानी परमाणु ठिकानों पर पैनी नजर बना रखी है। रक्षा मंत्री की हालिया टिप्पणी को उन्होंने “अत्यंत महत्वपूर्ण” बताया और कहा कि इससे स्पष्ट है कि भारत पाकिस्तान की हर हरकत पर चौकस निगाह रखे हुए है।
उन्होंने चेताया कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को लेकर जो अविश्वसनीयता है, उस पर दुनिया को बहुत पहले ध्यान देना चाहिए था। अब समय आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी पाकिस्तान की इन हरकतों को नजरअंदाज न करे।
भारत के लिए यह एक चेतावनी नहीं, बल्कि एक पुष्टि है — कि हमारी सीमाएं केवल कंटीली तारों से नहीं, बल्कि सजग निगाहों और सख्त इरादों से सुरक्षित हैं।