बीजिंग।
चीन ने अपने सैन्य सामर्थ्य का भव्य प्रदर्शन करते हुए राजधानी बीजिंग में आयोजित परेड के दौरान दुनिया को अपनी आधुनिक हथियार प्रणाली की झलक दिखाई। इस परेड को चीन ने न केवल अपनी सैन्य ताकत का प्रतीक बताया बल्कि वैश्विक स्तर पर संदेश देने की रणनीति के रूप में भी देखा जा रहा है।
परमाणु हथियारों से हाइपरसोनिक मिसाइल तक
परेड में चीन ने नवीनतम न्यूक्लियर वेपन सिस्टम का प्रदर्शन कर अपनी परमाणु क्षमता को उजागर किया। इसके साथ ही, पहली बार आम जनता और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने हाइपरसोनिक मिसाइलें और समुद्री ड्रोन भी प्रस्तुत किए गए। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, ये हथियार किसी भी संभावित युद्ध परिदृश्य में चीन को सामरिक बढ़त दिला सकते हैं।
समुद्री क्षेत्र पर फोकस
परेड में प्रदर्शित अनमैन्ड अंडरवॉटर व्हीकल्स (UUVs) और अत्याधुनिक समुद्री ड्रोन चीन की समुद्री रणनीति की ओर इशारा करते हैं। यह स्पष्ट है कि चीन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि इन तकनीकों से चीन नौसैनिक मोर्चे पर अमेरिका और उसके सहयोगियों को चुनौती देने की तैयारी कर रहा है।
आधुनिक तकनीक और साइबर युद्ध की झलक
इस बार की परेड में केवल पारंपरिक हथियार ही नहीं बल्कि साइबर और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम की झलक भी देखने को मिली। विशेषज्ञों का कहना है कि चीन ने अपनी सैन्य रणनीति में तकनीकी श्रेष्ठता को प्राथमिकता दी है और वह आने वाले वर्षों में हाई-टेक हथियारों के क्षेत्र में बड़ा खिलाड़ी बनने की ओर बढ़ रहा है।
दुनिया के लिए संदेश
चीन की इस ‘पावर परेड’ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक शक्ति-प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है। अमेरिका और उसके सहयोगियों के साथ बढ़ते तनाव के बीच बीजिंग का यह प्रदर्शन यह संकेत देता है कि वह किसी भी क्षेत्रीय या वैश्विक चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है।
घरेलू स्तर पर भी असर
विशेषज्ञों का मानना है कि यह परेड चीन के नागरिकों के लिए भी एक संदेश है। तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य में बीजिंग अपने लोगों को भरोसा दिलाना चाहता है कि देश रक्षा और सुरक्षा के मामले में पूरी तरह सक्षम है।