श्रावण मास की शुरुआत के साथ ही हरिद्वार में कांवड़ मेला अपनी पूरी रफ्तार पकड़ चुका है। पूरे क्षेत्र में आस्था का ऐसा अद्वितीय दृश्य देखने को मिल रहा है, जहां सड़कें, गंगनहर की पटरी, और नेशनल हाईवे तक सिर्फ और सिर्फ शिवभक्तों की कतारें दिखाई दे रही हैं।
कांवड़ मेले की आधिकारिक शुरुआत 11 जुलाई को मानी गई है, लेकिन उससे पहले ही शिवभक्त हरिद्वार पहुंचने लगे थे। पुलिस प्रशासन द्वारा 10 जुलाई से कांवड़ियों की गणना शुरू की गई थी। ताजा आंकड़ों के अनुसार, 10 जुलाई से लेकर मंगलवार शाम 6 बजे तक कुल 80 लाख 90 हजार श्रद्धालु हर की पैड़ी और अन्य घाटों से गंगाजल भरकर अपने गंतव्य की ओर रवाना हो चुके हैं।
सिर्फ सोमवार शाम 6 बजे से मंगलवार शाम 6 बजे के बीच ही, 31 लाख श्रद्धालुओं ने गंगाजल भरा, जो इस यात्रा के उत्साह और श्रद्धा का स्पष्ट प्रमाण है।
हरिद्वार की हर गली, हर सड़क, और हर घाट इस समय “हर-हर महादेव”, “बोल बम” और “बम बम भोले” के जयघोष से गूंज रहा है। धर्मनगरी भगवा रंग में रंगी नजर आ रही है और वातावरण में भक्ति की एक अनूठी ऊर्जा महसूस की जा सकती है।
इतनी बड़ी भीड़ के बीच भी पुलिस और प्रशासन पूरी मुस्तैदी से व्यवस्थाएं संभाल रहे हैं। यातायात नियंत्रण, सुरक्षा, चिकित्सा सेवाएं और श्रद्धालुओं के लिए मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करने में हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
यह दृश्य केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि श्रद्धा, अनुशासन और भारतीय आस्था की जीवंत तस्वीर है। हरिद्वार इस समय सचमुच शिवभक्ति की सबसे बड़ी धरती बना हुआ है।