प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले अंतर्राष्ट्रीय सौर महोत्सव को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रीन एनर्जी, नवीकरणीय ऊर्जा पर जोर दिया। संबोधन की शुरूआत में उन्होंने सभी का प्रथम अंतर्राष्ट्रीय सौर महोत्सव में स्वागत कियाष उन्होंने कहा कि ऐसा करते हुए मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। मैं इस अद्भुत पहल के लिए अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन को बधाई देता हूं। अंतर्राष्ट्रीय सौर महोत्सव पूरी दुनिया को सूर्य के प्रभाव का जश्न मनाने के लिए एक साथ लाता है। यह एक ऐसा त्यौहार है जो हमें एक बेहतर ग्रह बनाने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि वेद हजारों वर्ष पहले रचित ग्रंथ हैं। वेदों के सबसे लोकप्रिय मंत्रों में से एक सूर्य के बारे में है। आज भी लाखों भारतीय प्रतिदिन इसका जाप करते हैं, दुनिया भर में कई संस्कृतियों ने अपने-अपने तरीके से सूर्य का सम्मान किया है। अधिकांश क्षेत्रों में सूर्य से संबंधित त्यौहार भी मनाए जाते हैं। अपने संबोधन में आगे उन्होंने कहा कि ऊर्जा परिवर्तन सुनिश्चित करने के लिए दुनिया को कुछ महत्वपूर्ण मामलों पर सामूहिक रूप से चर्चा करनी चाहिए। हरित ऊर्जा पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि इसमें निवेश की एकाग्रता में असंतुलन को कम करने की जरूरत है। विनिर्माण और प्रौद्योगिकी को लोकतांत्रिक बनाने की आवश्यकता है। आगे पीएम ने कहा कि हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता विकासशील देशों की मदद करना और अल्प विकसित देशों और छोटे द्वीपीय विकासशील राज्यों को सशक्त बनाना होनी चाहिए। मुझे विश्वास है कि अंतर्राष्ट्रीय सौर महोत्सव ऐसे मामलों पर चर्चा को सक्षम बनाएगा।
संबोधन में पीएम मोदी ने पर्यावरण को बेहतर बनाने पर जोर देते हुए कहा कि पर्यावरण हितैषी भविष्य के लिए दुनिया को एक साथ आकर काम करने की जरूरत है। पिछले साल जी20 के दौरान, हमने वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन के निर्माण का नेतृत्व किया था। हम समावेशी, स्वच्छ और हरित ग्रह बनाने के हर प्रयास में शामिल हैं। भारत इसके लिए सबका समर्थन करेगा।